दिल्ली : वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने PNB घोटाले को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'जैसा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने बताया है, भारत में विलफुल डिफॉल्टर्स संख्या 9 हजार 63 है. ये दर्शाता है कि इस वित्तीय वर्ष के पहले 9 महीनों में इसमें मात्र 1.66 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है.' उन्होंने बताया कि फ्राड में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का तकरीबन 11 हजार करोड़ रुपया फंसा है. इसमें माल्या और नीरव मोदी का आंकड़ा केवल 25000 करोड़ रुपया है. शुक्ला ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की ओर से 31 दिसंबर 2017 को दी गई रिपोर्ट के मुताबिक बैंकों ने 2108 एफआईआर विलफुल डिफॉल्टरों के खिलाफ दायर की हैं. साथ ही 8462 मामलों में बैंकों ने कुर्की का मामला दायर किया है, ताकि फंसे हुए पैसे की रिकवरी की जा सके. गौरतलब है कि सदन के बजट सत्र के पहले कुछ दिन PNB घोटाले मुद्दे की भेट चढ़ गए थे. हीरा कारोबारी नीरव मोदी, मेहुल चोकसी के पंजाब नेशनल बैंक सहित 31 बैंकों से फर्जीवाड़े के जरिए पैसा लेकर विदेश भागने के बाद विपक्ष इसे मुद्दा बना कर सरकार को घेरने की तैयारी कर चूका था. केंद्र सरकार पर हमला करते हुए विपक्ष सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है. PNB : मेहुल चौकसी का पहला जवाब आया नीरव और मेहुल हवाला के जरिये बाहर पैसा भेजते थे - ईडी बैंक घोटालेबाज़ों के खिलाफ सरकार का नया कदम