पेले के अपना आखिरी मुकाबला खेलने के 45 वर्ष के उपरांत भी उनके बिना आधुनिक फुटबॉल या ब्राजील की कल्पना करना मुश्किल है। 17 वर्ष की जियोवाना सरमेंटो ने पेले के पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए तीन घंटे इंतजार किया जिसे उस स्टेडियम में रखा जा चुका है जहां उन्होंने अपने करियर में अधिकांश वक़्त खेला। वह अपने पिता के साथ आई थी जिन्होंने पेले के नाम की ब्राजील की टीर्शट पहन रखी थी। जियोवाना ने इस बारें में बोला है कि, ‘मैं सांतोस की प्रशंसक नहीं हूं और ना ही मेरे पिता। लेकिन इस आदमी ने ब्राजील की राष्ट्रीय टीम को नई पहचान दी। उन्होंने सांतोस को मजबूत बना दिया हैं, उन्होंने इसे बड़ा बनाया, आप उनका सम्मान कैसे नहीं कर सकते? वह अब तक के सबसे महान लोगों में से एक हैं, हमें उनका सम्मान करने की आवश्यकता है।' पेले को मंगलवार को उसी शहर में दफनाया जाने वाला है जहां वह बड़े हुए, मशहूर हुए और इसे फुटबॉल की वैश्विक राजधानी बनाने में सहायता की। पेले के पार्थिव शरीर को ताबूत में कब्रिस्तान ले जाने से पहले एक कैथोलिक मास का आयोजन विला बेल्मिरो स्टेडियम में होने वाला है। ब्राजील के नव निर्वाचित राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा के स्टेडियम से ताबूत को हटाए जाने से कुछ वक़्त पहले विला बेल्मिरो आने का अनुमान है। गौर हो कि कैंसर से जूझने के बाद पेले का गुरुवार को 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह तीन विश्व कप जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी थे। हाई स्कूल के छात्रों और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों समेत हजारों शोकाकुल लोगों ने सोमवार को पेले के पार्थिव शरीर के दर्शन भी कर चुके है। पेले के ताबूत को ब्राजील और सांतोस एफसी फुटबॉल क्लब के ध्वज में लपेटकर विला बेल्मिरो के मिडफील्ड क्षेत्र में रखा गया है। 19वें ओवर में पूरी बाजी हार गया था इंडिया, फिर चला अक्षर का जादू और मिल गई जबरदस्त जीत क्रिकेट प्रेमियों के लिए खुशखबरी, इस स्टार प्लेयर की हुई वापसी पेले के अंतिम संस्कार के लिए जमा होगी भीड़