नई दिल्ली: भविष्य के खतरों से निपटने के लिए भारत ने अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है. पड़ोसी देश चीन को जवाब देने के लिए भारत बीते कुछ वर्षों से बॉर्डर से सटे इलाकों में बुनियादी ढांचे के विकास पर अधिक ध्यान दे रहा है. भारत ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास सड़क का निर्माण आरम्भ कर दिया है. बड़ी बात यह है कि यह सड़क ब्लैक टॉप से भी लिंक होगी, जिसपर भारत का कब्जा होना अत्यंत आवश्यक है, नहीं तो चीनी आर्मी इसका नाज़ायज़ फायदा उठा सकती है. इस सड़क के निर्माण से पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो के दक्षिण में रणनीतिक रूप से आवश्यक चुशुल और पूर्वी लद्दाख में डेमचोक के बीच का फासला कम हो जाएगा. इस सड़क की दूरी 135 किमी होगी. सीमा सड़क संगठन (BRO) ने गणतंत्र दिवस पर सड़क निर्माण का जमीनी कार्य आरंभ किया था. अधिकारियों का कहना है कि दो वर्ष में इस परियोजना को पूरा करने की संभावना है. इस निर्माण के बाद लोमा में सिंधु पर निर्मित लोहे के पुल को आसपास के क्षेत्र में एक कंक्रीट पुल के साथ बदलने की योजना से पूर्वी लद्दाख के बीचो-बीच भारी सैन्य गियर की आवाजाही सरल हो जाएगी, यह उन दो इलाकों में से एक है, जहां बॉर्डर पर गतिरोध अभी तक सुलझा नहीं है. चुशुल के लेह से तीन ब्लैक टॉप लिंक हैं, उनमें से दो तांगत्से पर मिलते हैं, जहां से सड़क चांग ला (पास) से होते हुए लेह तक जाती है. कांग्रेस ने तीसरी बार बदला प्लान, आख़िरकार 'लाल चौक' पर तिरंगा फहराएंगे राहुल गांधी गुजरात पेपर लीक पर राजनीति शुरू, केजरीवाल ने राज्य सरकार को घेरा, गोधरा-जामनगर में प्रदर्शन बीटिंग रिट्रीट: गूंजेंगी शास्त्रीय संगीत की धुनें, दिल्ली में होगा देश का सबसे बड़ा और भव्य ड्रोन शो