राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उज्जैन में किया स्वच्छता मित्रों का सम्मान

उज्जैन: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु उज्जैन में सबसे पहले स्वच्छता मित्रों के सम्मान कार्यक्रम में पहुंची। राष्ट्रपति ने सफाई मित्र रश्मि, शोभा बाई, अनिता बाई समेत अन्य को सम्मानित किया। फिर राष्ट्रपति ने उज्जैन-इंदौर सिक्स लेन रोड का भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य में स्वच्छता कर्मचारियों को केंद्र सरकार द्वारा उनके शहर को दी गई रेटिंग के आधार पर रुपये दिए जाएंगे। जिन शहरों की रेटिंग एक होगी, वहां के सफाईकर्मियों को एक हजार रुपये मिलेंगे; दो रेटिंग वालों को दो हजार रुपये। उज्जैन को तीन रेटिंग प्राप्त हुई है, इसलिए यहां के सफाईकर्मियों को तीन हजार रुपये दिए जाएंगे।

द्रौपदी मुर्मु देश की 10वीं राष्ट्रपति हैं जिन्होंने उज्जैन का दौरा किया है। उनसे पहले रामनाथ कोविन्द, प्रणब मुखर्जी, प्रतिभा पाटिल, केआर नारायणन, शंकरदयाल शर्मा, आर वेंकटरमन, ज्ञानी जेल सिंह, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, और डा. राजेन्द्र प्रसाद उज्जैन आ चुके हैं। ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के दर्शन की इच्छा एवं अखिल भारतीय कालिदास समारोह की ख्याति ने राष्ट्रपतियों को उज्जैन की तरफ आकर्षित किया है। पिछली बार 29 मई 2022 को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द आए थे, उनके साथ पत्नी सविता और बेटी स्वाति भी थीं। वे अपने विवाह की 48वीं वर्षगांठ के एक दिन पहले कालिदास संस्कृत अकादमी में आयोजित अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के 59वें अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। तीनों ने महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह से ज्योतिर्लिंग महाकाल का अभिषेक-पूजन किया था।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की यह पहली उज्जैन यात्रा है, जिसमें वे महाकालेश्वर मंदिर में अभिषेक-पूजन करेंगी तथा स्वच्छता पखवाड़ा के तहत मंदिर परिसर में श्रमदान भी करेंगीं। महाकाल महालोक का भ्रमण करते हुए, वे पाषाण से भगवान शिव एवं सप्त ऋषियों की मूर्तियां बना रहे पुरी (ओडिशा) के शिल्पकार अक्षय महाराणा, आदित्य महाराणा, ईश्वरचंद्र महाराणा और प्रमोद ओझा से संवाद करेंगी। जब पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायण महाकाल मंदिर में पूजन-अभिषेक के लिए आए थे, तब भगवान महाकाल नगर भ्रमण पर रामघाट पहुंच गए थे। दरअसल, वह दिन महाकाल सवारी का था, और यह घटना काफी चर्चित हुई थी। राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए उज्जैन में कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। राष्ट्रपति जहां भी जाएंगी एवं जिन मार्गों से गुजरेंगी, वहां 1500 से ज्यादा जवान तैनात किए गए हैं। पूरे मार्ग, कार्यक्रम स्थल और मंदिर परिसर को सजाया-संवारा गया है। मार्ग को नो फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है।

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