कुछ इस तरह था राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद का जीवन, जानें पूरी बातें

फ़ख़रुद्दीन अली अहमद एक अत्यधिक सफल राजनीतिक नेता थे, जो भारत के राजनीतिक परिदृश्य पर अपनी छवि छोड़ गए है. फखरुद्दीन अली अहमद बहुत लम्बे समय तक नेता रहे है, वहीं उन्होंने देश की राजनीती में भी मुख्य भूमिका निभाई थी. जंहा राष्ट्रपति बनने का इनका मुख्य उद्देश्य देश की सेवा करना था. महात्मा गाँधी व जवाहरलाल नेहरु जैसे नेता के साथ रहकर फखरुद्दीन अली अहमद ने राजनीती का गुर सिखा. फखरुद्दीन अहमद भारत के पांचवें राष्ट्रपति थे.

फखरुद्दीन अहमद जन्म 13 मई, 1905 को दिल्ली के हौज़ काज़ी एरिया में हुआ था. उनके पिता का नाम ज़ल्नुर अली अहमद था. वे असम में एक आर्मी डॉक्टर थे. उनके दादा का नाम खलीलुद्दीन अहमद था, जो गोलाघाट शहर के निकट कचारीहाट के काज़ी थे. फखरुद्दीन अली अहमद एक नामी और संपन्न मुस्लिम घराने से ताल्लुख रखते थे. उनका परिवार गैर रूढ़िवादी, धर्मनिरपेक्ष एवं देश भक्ति की भावना रखता था. फखरुद्दीन अहमद की माता जी लाहोर के नबाब की बेटी थी.

फखरुद्दीन अली अहमद  की प्रारंभिक शिक्षा उत्तर-प्रदेश के गोंडा जिले के सरकारी हाई स्कूल में शुरू हुई थी. जब वे सातवीं कक्षा में थे, तब उनके पिता का तबादला दिल्ली में हो गया. 1918 में वे दिल्ली आ गये. मैट्रिक की परीक्षा उन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूल से 1921 में उत्तीर्ण की. आगे की पढाई के लिए उन्होंने दिल्ली के प्रसिद्ध सेंट स्टीफन कॉलेज में दाखिला लिया. तत्पश्चात उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने भारत को छोड़ दिया और इंग्लैंड चले गए. जहां उन्होंने 1923 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के  अंतर्गत सेंट कैथरीन कॉलेज में दाखिला लिया. 1927 में उन्होंने कानून की शिक्षा पूर्ण कर बैरिस्टर बन गए. 1928 में विधि की शिक्षा संपन्न की. उसके बाद 1928 में वे भारत लौट आए लाहौर हाईकोर्ट में वकालत शुरू कर दी.

फखरुद्दीन अहमद मृत्यु: 11 फ़रवरी सन 1977, फखरुद्दीन अली अहमद  का दिल का दौरा पड़ने से उनके ऑफिस में ही निधन हो गया था. भारत के चौथे राष्ट्रपति डॉ जाकिर हुसैन और फखरुद्दीन अली अहमद घनिष्ट मित्र थे. ये संयोग ही है की दोनों राष्ट्रपति थे और दोनों की म्रत्यु राष्ट्रपति भवन में दिल का दौरा पड़ने के कारण हुई.

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