नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के सात अतिरिक्त न्यायाधीशों और दिल्ली हाई कोर्ट के तीन अतिरिक्त न्यायाधीशों को अपने-अपने न्यायालयों का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया। इसके अतिरिक्त, बॉम्बे हाई कोर्ट के दो अन्य अतिरिक्त न्यायाधीशों का कार्यकाल पुनर्नियुक्ति के माध्यम से एक और वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है। बॉम्बे हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश जिन्हें स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है, वे हैं यांशिवराज गोपीचंद खोबरागड़े, महेंद्र वधूमल चांदवानी, अभय सोपानराव वाघवासे, रवींद्र मधुसूदन जोशी, संतोष गोविंदराव चपलगांवकर, मिलिंद मनोहर सथाये और डॉ. नीला केदार गोखले। ये नियुक्तियाँ बॉम्बे में न्यायपालिका को मज़बूत बनाती हैं, यह सुनिश्चित करती हैं कि ये अनुभवी न्यायाधीश स्थायी क्षमता में काम करना जारी रखेंगे। दिल्ली उच्च न्यायालय में जिन अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश बनाया गया है, वे हैं गिरीश कथपालिया, मनोज जैन और धर्मेश शर्मा। इस निर्णय का उद्देश्य राजधानी में न्यायिक प्रणाली को स्थिरता और निरंतरता प्रदान करके मजबूत करना है, क्योंकि ये न्यायाधीश अब स्थायी पदों पर हैं। इसके अलावा, बॉम्बे हाईकोर्ट के दो अतिरिक्त न्यायाधीशों संजय आनंदराव देशमुख और वृषाली विजय जोशी का कार्यकाल बढ़ा दिया गया है। उन्हें 7 अक्टूबर, 2024 से शुरू होने वाले एक साल के नए कार्यकाल के लिए अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में फिर से नियुक्त किया गया है। यह विस्तार उन्हें अपनी वर्तमान भूमिकाओं को बनाए रखते हुए न्यायपालिका में योगदान जारी रखने की अनुमति देता है। इन नियुक्तियों और पुनर्नियुक्तियों की घोषणा केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में की गई, जिसमें भारत में न्यायिक प्रणाली की दक्षता और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया। 'इस देश में आम आदमी ही सुपरमैन है..', संघ प्रमुख भागवत के बयान पर ऐसा क्यों बोले संजय राउत ? असम विधानसभा ने कर ली शीतकालीन सत्र की तैयारी, 22 अगस्त से होगा शुरू आंगनवाड़ी में होगी कक्षा तीसरी तक की पढ़ाई, तेलंगाना सरकार की नई शिक्षा नीति