नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा लोकसभा के सभी चुनाव एक साथ करवाने के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा गया है की, बार-बार होते रहने वाले चुनावों की वजह से देश में विकास का काम प्रभावित होता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की ओर से लगातार यह प्रस्ताव किया जाता रहा है. जानकारी के अनुसार, सोमवार को शिक्षक दिवस के मौके पर चुनाव सुधार से जुड़े इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बातचीत के दौरान एक छात्र ने पूछा, "क्या देशभर में होने वाले लोकसभा और विधानसभा के सभी चुनाव एक साथ होने चाहिए?" छात्र ने यह भी कहा कि बार-बार होने वाले चुनाव धन की बर्बादी हैं. छात्र की बात पर हामी भरते हुए राष्ट्रपति ने भी कहा, "बिल्कुल सही. आज पूरे साल देश में कहीं ना कहीं चुनाव होते रहते हैं. इससे सरकार का सामान्य कामकाज प्रभावित होता है. विभिन्न चुनावों की वजह से लागू होने वाली आचार संहिता के कारण सरकार नए फैसले नहीं कर पाती और सारा कामकाज ठप हो जाता है." पूरे देश में एक साथ सभी चुनाव करवा लेने के प्रस्ताव पर विस्तार से विमर्श करने की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा, देश में इससे पहले भी कई तरह के बड़े चुनाव सुधार हुए हैं. इस पर भी सभी दलों को मिलकर चर्चा करनी चाहिए. प्रधानमंत्री ने भी पिछले हफ्ते यह प्रस्ताव किया था कि देशभर में सभी चुनाव एक साथ करवाए जाएं. उन्होंने भी इस पर आगे बढ़ने के लिए राजनीतिक सहमति को जरूरी बताया है.