नई दिल्ली: देश के तीन बड़े आर्थिक अपराधी, विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी इन दिनों विदेश में रह रहे हैं और भारत उनके प्रत्यर्पण की कोशिशें कर रहा है, लेकिन अब भारत को इसमें बड़ी सहूलियत मिल गई है. भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक को अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी मंजूरी दे दी है. पतंजलि का स्वदेशी समृद्धि कार्ड, मिलेगा 5 लाख का बीमा इससे भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर लगाम लगाने में आसानी होगी. इस विधेयक के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी उन्हें कहा जाता है, जिनके ऊपर 100 करोड़ से ज्यादा के चुनिंदा आर्थिक अपराधों में शामिल होने की वजह से गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया गया हो और वह आपराधिक अभियोजन से बचने को देश से बाहर चला गया हो. नेहरू के रास्ते चले मोदी, कुंभ की सीधी निगरानी इस विधेयक के तहत अदालत को आर्थिक अपराधी को भगोड़े अपराधी घोषित करने और उसकी चल-अचल और बेनामी संपत्ति को जब्त करने का अधिकार होगा. इस कानून के तहत 'जब्ती आदेश की तारीख से जब्त की गई सभी संपत्तियों का अधिकार केंद्र सरकार के पास रहेगा.' आपको बता दें कि 19 जुलाई 2018 को भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक को लोक सभा में मंजूरी मिली थी, जबकि 25 जुलाई को राज्य सभा ने भी इसपर मुहर लगा दी थी. 100 करोड़ की सीमा क्यों ? विधेयक के अंतर्गत 100 करोड़ रु न्यूनतम सीमा रखी गई है, इतनी रकम या इससे ज्यादा रुययों का घोटाला करने वाले अपराधियों पर ये कानून लागू होगा. इस पर वित्त मंत्री पियूष गोयल ने कहा है कि इस विधेयक को पारित करने का मक़सद बड़े अपराधियों को पकड़ना है. खबरें और भी:- नितिन गडकरी ने की गरीबी के आधार पर आरक्षण देने की मांग 11 हजार करोड़ के घोटाले में शामिल विपुल अंबानी को मिली जमानत PM ने की दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ पॉलिसी की समीक्षा, 15 अगस्त को होगी लॉन्चिंग