एक विवादित कानून पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत स्वतंत्र पत्रकारों और ब्लॉगरों को विदेशी एजेंट घोषित किया जा सकता है. आलोचकों ने इस कदम को मीडिया की आजादी का उल्लंघन बताया है.रूस के इस कानून में अधिकारियों को ब्रांड मीडिया संगठनों और गैर सरकारी संगठनों को विदेशी एजेंट घोषित करने की शक्ति प्रदान की गई है. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में जल्द होगी महिला न्यायाधीश की नियुक्ति, CJP खोसा ने दिए संकेत मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रूसी सरकार की वेबसाइट पर प्रकाशित एक दस्तावेज के अनुसार, यह नया कानून तत्काल प्रभाव से लागू होगा. विदेशी एजेंट उन्हें कहा जाता है जो राजनीति में शामिल होते हैं और विदेशों से धन प्राप्त करते हैं. यह साबित होने पर इन्हें एक विस्तृत दस्तावेज सौंपना होगा या जुर्माना भरना होगा. जॉर्डन में शॉट सर्किट से लगी आग, 8 बच्चों समेत 13 लोगों की मौत इस मामले को लेकर एमनेस्टी इंटरनेशनल और रिपोर्टर्स विदआउट बॉडर्स समेत नौ मानवाधिकार एनजीओ ने चिंता व्यक्त की है कि यह कानून न केवल पत्रकारों तक सीमित है बल्कि ब्लॉगरों और इंटरनेट उपभोक्ताओं पर भी लागू होगा जिन्हें विभिन्न मीडिया आउटलेट से छात्रवृत्तियां, फंडिंग या राजस्व मिलता है. इसके अलावा रूस ने कहा कि वह इसलिए यह कानून चाहता था कि अगर पश्चिमी देशों में उसके पत्रकारों को विदेशी एजेंट बताया जाता है तो वह भी जैसे को तैसा कर सके. रूस ने पहली बार 2017 में यह कानून पारित किया था जब क्रेमलिन के फंड वाले आरटी टेलीविजन को अमेरिका में विदेश एजेंट घोषित किया गया था. भारत को तीन देशों की तिकड़ी बहुचा सकती है नुकसान, पाक विदेश मंत्री की श्रीलंका यात्रा पर नज़र ईयू आगंतुकों की मुश्किल बड़ी, ब्रिटेन आने के लिए करना होगा ये काम पकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति गंभीर बीमारी से पीड़ित, दुबई के अस्पताल में हुए भर्ती