आडवाणी- जोशी राष्ट्रपति पद की दौड़ से हुए बाहर

नई दिल्ली : करीब आ रहे राष्ट्रपति चुनाव को लेकर आम सहमति बनाने के मकसद से बीजेपी की तीन सदस्यीय कमेटी के सदस्य राजनाथ सिंह और वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले. इसके अलावा अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से भी मुलाक़ात की और दोनों नेताओं से राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चा की.

बता दें कि राजनाथ और वेंकैया नायडू ने सोनिया गांधी सहित विपक्ष के सभी नेताओं से मुलाक़ात कर उनसे राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार का नाम पूछा, लेकिन अपने पत्ते नहीं खोले. इस पर विपक्ष ने भी  चुटकी लेते हुए कहा कि जिन्हें अपनी पार्टी की ओर से राष्ट्रपति के उम्मीदवार का नाम नहीं मालूम वो हमसे पूछ रहे हैं कि किसे उम्मीदवार बनाना चाहिए. विपक्ष ने इसे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर आम राय बनाने के लिए नहीं, बल्कि शिष्टाचार के लिए की गई मुलाक़ात बताया.मुलाक़ात के दूसरे दौर में राजनाथ सिंह और वेंकैया नायडू ने यही सवाल उसी अंदाज में लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से भी पूछा कि राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार कौन हो.उन्होंने इन दोनों नेताओं से किसी बेहतर उम्मीदवार का नाम सुझाने को कहा. सूत्रों के अनुसार मुरली मनोहर जोशी ने संघ समर्थित विचार धारा और मोदी को सहयोग देने संबंधी 5 बिंदुओं पर अपनी बात रखी.

दरअसल आम सहमति बनाने के नाम पर शिष्टाचारिक मुलाकात कर बीजेपी नेतृत्व ये संदेश देना चाहता हैं कि वो आम सहमति बनाना चाहते थे, लेकिन विपक्ष इसके लिए तैयार नहीं था और मजबूरी में चुनाव कराना पड़ा.विपक्ष के साथ-साथ बीजेपी का अपने दोनों वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से भी वही सवाल पूछने से यही संकेत मिल रहे हैं कि इन दोनों नेताओ को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की दौड़ से बाहर कर दिया गया है. अगर इन दोनों नेताओं को उम्मीदवार बनाना होता, तो इनसे कोई और नाम नहीं पूछते.

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