राष्ट्रपति के नाम के खुलासे में सरकार की देरी से विपक्ष नाराज

नई दिल्ली: राष्ट्रपति पद के लिए चुनावी गतिविधियां तेज हो गई है. बुधवार को बुलाई गई कांग्रेस उप समिति की बैठक न तो किसी नाम पर चर्चा हुई और न ही किसी नाम को फाइनल किया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सरकार ने अपनी ओर से अभी तक राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार का खुलासा नहीं किया है .इस बात को लेकर विपक्ष सरकार से नाराज है.बैठक के बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उम्मीदवारी के मुद्दे पर सरकार का पक्ष जानने के बाद विपक्ष की बैठक फिर होगी.

उल्लेखनीय है कि सरकार की तीन सदस्यीय समिति शुक्रवार को सोनिया गांधी और सीताराम येचुरी से मिलेगी. इस बीच समिति के सदस्य मंत्रियों ने सतीशचंद्र मिश्रा और प्रफुल्ल पटेल से बात की है. बता दें कि यह समिति राष्ट्रपति के लिए आम सहमति बनाने का प्रयास कर रही है. लेकिन दूसरी ओर विपक्षी पार्टियां इस बात तो लेकर नाराज़ है कि सरकार ने प्रक्रिया शुरू करने में जानबूझकर देर की है.सरकार नाम के खुलासे में देर करके विपक्ष को ज़्यादा वक्त नहीं देना चाहती है. इस पर लालू यादव ने कहा कि राष्ट्रपति उम्मीदवार का नाम प्रधानमंत्री के पेट में है बाकी सब आंख में धूल झोंकने जैसा है.

बता दें कि विपक्ष यह जानता है कि सरकार एआईएडीएमके के अलावा  टीआरएस और वाइएसआर एनडीए के उम्मीदवार को समर्थन देने की मंशा जता चुकी हैं. ऐसे में एनडीए की जीत तय मानी जा रही है. फिर भी विपक्ष शिवसेना जैसी पार्टी के अलग राग और बीजेपी के असंतुष्टों को साधने की कोशिश कर रहा है. दरअसल राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष सरकार के लिए एक चुनौती खड़ी करके विपक्षी एकता का नगाड़ा बजाते हुए 2019 के लिए महागठबंधन की नींव डालना चाहता है.उधर बीजेपी में आडवाणी को उम्मीदवार नहीं बनाने पर बीजेपी में भीतरघात की आशंका भी जताई गई है.

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