अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के प्रचार अभियान छोटे धार्मिक अल्पसंख्यक दल को रिझाने में पूरी शिद्दत से जुट गए हैं. ऐसा पहले कभी देखने को नहीं मिला था. इससे अमेरिका में हिंदुओं के बढ़ते सियासी महत्व का संकेत मिलता है. अमेरिका में 2016 में हिंदुओं का प्रतिनिधित्व लगभग एक फीसद था. कोलंबिया में कोरोना का हाहाकार, संक्रमितों की संख्या 5 लाख के पार बता दे कि राष्ट्रपति एवं रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवार ट्रंप ने प्रचार अभियान में नया दाव खेला है. जिसमें उन्होने अमेरिका में हिंदुओं के लिए धार्मिक आजादी की राह में आने वाली अड़चनों को कम करने का वादा किया है. वहीं, दूसरी ओर उनके प्रतिद्वंद्वी एवं डेमोक्रेट उम्मीदवार बाइडेन के प्रचार अभियान ने मंगलवार को बताया कि उन्होंने (पूर्व उपराष्ट्रपति बाइडेन ने) हिंदू समुदाय से कांटेक्ट साधने को प्राथमिकता दी है. रूस में विपक्ष की अचानक बिगड़ी तबियत, चाय में जहर देकर मारने की गई कोशिश इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में पहली बार ट्रंप के प्रचार अभियान ने 14 अगस्त को ‘ट्रंप के लिए हिंदू आवाज’ के गठन का ऐलान किया था. इसके दो दिन पश्चात, हिंदू समुदाय की प्रख्यात नेता नीलिमा गोनुगुंतला ने डेमोक्रेटिक राष्ट्रीय सम्मेलन को प्रारंभ करने के लिये अंतर-धार्मिक प्रार्थना में हिस्सेदारी की. इस बारे में बाइडेन के प्रचार अभियान ने कहा कि यह अमेरिका में हिंदुओं का राजनीतिक महत्व बढ़ने का एक और संकेत है.अमेरिका में हिंदू-अमेरिकी समुदाय को रिझाने के लिए ट्रंप के प्रचार अभियान के नए गठबंधन का ब्योरा अगले हफ्ते रिपब्लिकन के राष्ट्रीय सम्मेलन में घोषणा किए जाने की उम्मीद है. ट्रंप के प्रचार अभियान ने बताया कि ‘‘ट्रंप के लिए हिंदू धर्म के लाखों अमेरिकी के योगदानों का सम्मान करते हैं.’’ रूस में अब भी जारी है कोरोना वैक्सीन का तीसरा ट्रायल जो बाइडेन और कमला हैरिस के समर्थन में उतरीं हिलेरी क्लिंटन, दिया बड़ा बयान यदि नहीं गए इस जगह तो रह जाएगा आपका वर्ल्ड टूर अधूरा