कोरोना वायरस को लेकर चीन पर बढ़ा दबाव, अमेरिका ने कह दी चौकाने वाली बात

वाशिंगटन: पिछले कई दिनों से लगातार बढ़ती जा रही कोरोना वायरस की समस्या से आज के समय में हर कोई परेशान है वहीं इस वायरस के बढ़ते प्रकोप और महामारी की चपेट में आने से आज न जाने ऐसे कितने लोग है जिनकी जाने जा चुकी है, इतना ही नहीं इस वायरस की चपेट में आने कर रोज लाखों की तादाद में लोग संक्रमित हो रहे है, वहीं कोरोना वायरस से दुनियाभर में मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है जिसके कारण आज पूरा मानवीय पहलू तबाही की छोर  पर आ खड़ा हुआ है. आज इस वायरस की चपेट में आने से 2 लाख 52 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. और अब भी इस बात को खुलकर नहीं कहा जा सकता है कि इस वायरस से कब तक निजात मिल पाएगा और हालात ने कब सुधार होगा. वहीँ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बाद विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने भी कहा है कि उनके पास इस बात के पुख्ता सुबूत हैं कि यह वायरस चीन की प्रयोगशाला से फैला. वहीं ब्रिटेन का कहना है कि इस बारे में चीन को पारदर्शी रवैया अपनाने की जरूरत है.

ब्र‍िटेन की दो टूक, तह तक जाएंगे: मिली जानकारी के अनुसार ब्र‍िटेन ने दो टूक कह दिया है कि महामारी खत्म होने पर हम इस पूरे प्रकरण की तह तक जाएंगे. अमेरिका के आंतरिक सुरक्षा विभाग (डिपार्टमेंट आफ होमलैंड सिक्योरिटी-डीएचएस) के चार पृष्ठों वाले दस्तावेज के मुताबिक चीन के नेताओं ने जनवरी की शुरुआत में दुनिया से वैश्विक महामारी की गंभीरता जानबूझकर छिपाई. यह रहस्योद्घाटन ऐसे समय पर हुआ है जब चीन के साथ ही आलोचक ट्रंप प्रशासन पर भी सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि वायरस के खिलाफ सरकार की प्रतिक्रिया अपर्याप्त और धीमी है. राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने राष्ट्रपति ट्रंप और उनके प्रशासन पर आरोप लगाया है कि वे अपनी आलोचना को दूसरी दिशा में मोड़ने के लिए चीन पर दोष मढ़ रहे हैं. 

आयात बढ़ाकर प्रकोप छिपाने की कोशिश की: वहीँ इस बात का पता चला है की डीएचएस की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन कोरोना वायरस की गंभीरता को कम करके बताता रहा है. इस दौरान उसने चिकित्सकीय सामान का आयात बढ़ा दिया जबकि निर्यात घटा दिया. ऐसा करके उसने वायरस के प्रकोप को छिपाने की कोशिश की. इसमें यह भी कहा गया है कि चीन ने लगभग पूरी जनवरी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को यह जानकारी नहीं दी कि कोरोना वायरस संक्रामक है ताकि वह विदेश से चिकित्सकीय सामान मंगा सके. इस दौरान फेस मास्क और सर्जिकल गाउन का उसका आयात तेजी से बढ़ा था. चीन ने 31 दिसंबर को इस बारे में WHO को जानकारी दी थी. जबकि उसने तीन जनवरी को अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज एंड कंट्रोल को सूचना दी थी. इसके बाद उसने आठ जनवरी को कोरोना वायरस की पुष्टि की.

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