नई दिल्ली : नया साल शुरू होने से ऐन पहले पुराना स्टॉक निकालने के नज़ारे कई जगह देखने को मिल सकते हैं, क्योंकि इसके लिए दो कारणों से दबाव बढ़ रहा है. एक तो पुरानी टैक्स रिजीम में खरीदे गए बिना बिल वाले माल पर इनपुट टैक्स क्रेडिट तभी मिलेगा, जब यह माल जीएसटी लागू होने के छह महीने में बेच दिया जाए. दूसरा, पुराने एमआरपी पर स्टीकर लगाकर माल बेचने की छूट की अवधि भी 31 दिसंबर को खत्म हो रही है. ऐसे में नया साल शुरू होने से पहले पुराने माल की सेल लगने की सम्भावना है . उल्लेखनीय है कि गारमेंट और दूसरे उपयोगी वस्तुओं के बाजारों में अब भी बड़े पैमाने पर पुराना स्टॉक है. सरकार ने ट्रांजिशनल स्टॉक पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए 27 दिसंबर तक ट्रान-1 फॉर्म भरने की चेतावनी दी है और इसकी तारीख बढ़ने की संभावना कम है, जबकि ट्रान-2 की नई तारीख अभी तक घोषित नहीं हुई है. ऐसे में असेसीज पर ज्यादा से ज्यादा प्री-जीएसटी माल बेच देने का दबाव बढ़ रहा है. बता दें कि बड़ी कंपनियां अपने अंतिम स्टॉक के तनाव से मुक्त हो चुकी हैं. फिर भी क्रिसमस और नए साल के त्योहारी माहौल को भुनाने के लिए वे बचे-खुचे माल पर ऑफर दे सकती हैं. माल व्यापार संगठन कैट के आकलन के अनुसार करीब 6 लाख करोड़ रुपये का पुराना बिना बिका स्टॉक बाजार में है, जिस पर एमआरपी पुरानी है. लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद दरें कम होने से कीमतें बदल गई हैं. नए नियम में किसी भी पैक पर प्रिंटेड एमआरपी का होना अनिवार्य है, जिसमें सभी टैक्स शामिल होना जरुरी है. ऐसे में व्यापारियों को पुराने माल को खपाने की चिंता है . यह भी देखें व्हाट्सअप लॉन्च करने वाला है बिजनस ऐप फ्लिपकार्ट स्टाफ बना करोड़पति