पंजाब सरकार ने बढ़ते एड्स के मामलों को लेकर याचिका दाखिल की है. इसकी सबसे अहम वजह है कि सूबे की जेलों में 5.5 प्रतिशत कैदी एचआईवी के शिकार हुए हैं. उनके इलाज के लिए एटीआर यूनिट लगाने की तैयारी है और हर नए कैदी की स्क्रीनिंग की व्यवस्था भी की जा रही है. इस जानकारी के बाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया. याचिका दाखिल करते हुए बनूड़ निवासी करणवीर सिंह ने एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर का हवाला देते हुए बताया था कि पंजाब की 9 जेलों में एचआईवी के 1630 मामले सामने आए हैं. अब चीन भी बोल रहा नमस्ते, बॉर्डर पर भी हुआ कोरोना का असर आपकी जानकारी के लिए बता दे कि फरीदकोट की जेल में सबसे अधिक 439, बठिंडा जेल में 30, फिरोजपुर में 322, अमृतसर में 299, कपूरथला में 210, लुधियाना में 137, पटियाला में 75, होशियारपुर में 63 और गुरदासपुर में 55 एचआईवी कैदियों के मामले सामने आए थे. इसका सबसे प्रमुख कारण नशे के लिए इंजेक्शन को साझा करना और सेक्सुअल कॉन्टेक्ट है. भूमि अधिग्रहण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बोली ये बात इस मामले को लेकर याचिकाकर्ता ने कहा कि जेल में आने समय कैदियों का मेडिकल एग्जामिनेशन सही प्रकार से नहीं किया जाता. इसी कारण इनमें से यदि कोई एचआईवी पॉजिटिव जेल में आता है तो वह कई लोगों को इसका शिकार बना देता है. जेल प्रशासन को सभी का मेडिकल करवाना चाहिए और यदि कोई व्यक्ति जेल में आते हुए एचआईवी पॉजिटिव नहीं था और बाद में हो जाता है तो इसकी जांच करनी चाहिए. 'नारी शक्ति' को TIME मागज़ीन का सलाम, सदी की 100 प्रमुख महिलाओं में इंदिरा और अमृत कौर का नाम सांसदों के निलंबन से कांग्रेस में आक्रोश, राहुल गाँधी के नेतृत्व में संसद में विरोध प्रदर्शन दो से अधिक बच्चे वालों के लिए योगी सरकार का नया कानून ! नहीं मिलेंगी कई सुविधाएं