कहीं आपके किसी कम्पनी के पास सेव तो नहीं हो रहे?

इंटरनेट के इस दौर में एक तरफ ढेरों सुविधाएं हम घर बैठे पा लेते है वहीं दूसरी ओर इस पैदा होने वाली ढेरों मुसीबत हमारे आसपास है जिसे शायद हम देख नहीं पाते है. ये सभी मुसीबतें प्राइवेसी ओर डेटा चोरी से संबंधित है, जिसमें यूजर्स को खुद नहीं पता होता है कि हमारा डेटा चोरी कैसे हो गया है, डेटा चोरी सबसे ज्यादा डर सोशल मीडिया वेबसाइट्स से है जिसमें करोड़ों यूजर्स जुड़े रहते है. 

इंटरनेट पर कुछ भी पूरी तरह से डिलीट करना यूजर्स के कंट्रोल में नहीं होता है. इंटरनेट पर दो बार डिलीट की हुई कोई फाइल भी लंबे समय तक इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के पास ही रहती है. जिसमें आपके ई-मेल, मीडिया, पोस्ट, टेक्स्ट और मैसेज सब कुछ शामिल हैं.इंटरनेट की इस दुनिया में ढेरों वेबसाइट्स काम कर रही है और यह सभी अपनी अलग-अलग पॉलिसी पर काम करते है, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूजर के मौजूद कंटेंट का बैकअप और आर्काइव ऑडिट या किसी अन्य पर्पज के लिए अपने पास रखता है.

अगर आप सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कहीं से भी अपना अकाउंट डिलीट करना चाहते और इस डर से बचना चाहते है कि आपके द्वारा सेव की गई जानकारी भी पूरी तरह से डिलीट हो जाएगी तो इसके लिए आपको डिलीट करने से पहले डेटा आर्काइव, इससे दो फायदे होंगे पहला तो आपका डेटा चोरी होने से बचेगा साथ ही भविष्य में भी आप इस डेटा का उपयोग कर सकते है.

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