भोपाल : लॉकडाउन के बाद भी निजी स्कूलों द्वारा फीस को लेकर मनमानी अब भी जारी है. शासन ने सिर्फ शिक्षण शुल्क देने का आदेश दिया है. लेकिन निजी स्कूल शिक्षण शुल्क में वार्षिक, स्मार्ट क्लास, स्पोर्ट्स सहित तिमाही की पूरी फीस को समायोजित कर अभिभावकों से फीस वसूल रहे है. इस बारें में अभिभावकों का कहना है कि हर साल तिमाही में पूरी फीस जमा करते थे, उतना ही अभी भी स्कूलों द्वारा शिक्षण शुल्क वसूला जा रहा है. अभिभावकों द्वारा फीस जमा नहीं करने पर स्कूलों द्वारा ऑनलाइन कक्षा में बच्चों को पढ़ाया नहीं जा रहा है. हालांकि इस संबंध में अभिभावक शासन, प्रशासन और जिला शिक्षा अधिकारी के पास शिकायत कर चुके हैं. सीबीएसई स्कूलों की जिला शिक्षा अधिकारी के पास करीब 700 से अधिक शिकायतें पहुंच गई हैं, लेकिन इसके बाद भी एक पर भी कार्यवाही नहीं हुई है. वहीं, निजी स्कूलों का तर्क है कि ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाई हो रही है तो अभिभावकों को एनुअल चार्जेज के अलावा बस व मेस शुल्क छोड़कर सभी अन्य शुल्क देने होंगे. बता दें की प्राइवेट अन-एडेड स्कूल्स वेलफेयर सोसायटी ने लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त जयश्री कियावत से मुलाकात कर ज्ञापन दे दिया है. उन्होंने इस बारें में शासन से मांग की है कि कोरोना संक्रमण की चपेट में देश का कोई भी क्षेत्र बचा हुआ नहीं है. प्रदेश के निजी विद्यालय भी इसी संकट से गुजर रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान भी स्कूलों द्वारा ऑनलाइन क्लासेस शुरू की गई है. शासन ने ट्यूशन फीस जमा करने के लिए कहा है, लेकिन 95 फीसद अभिभावक फीस जमा नहीं किये हैं. स्कूल प्रबंधन द्वारा नियमित रूप से शिक्षकों के वेतन, बिजली के बिल, स्कूल के रखरखाव पर खर्च किया जा रहा है. सीएम शिवराज के साथ ज्योतिरादित्य दिल्ली से कर सकते है वापसी, जल्द होगा मंत्रिमंडल विस्तार मध्य प्रदेश में 13 हजार के पार पहुंचा कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा, एक दिन में मिले 221 केस साध्वी प्रज्ञा सिंह ने फिर दिया विवादित बयान, राहुल गांधी पर बोला हमला