दूधेश्वर महादेव के दर्शन करने पहुंची प्रियंका, लंकापति रावण से जुड़ा है इतिहास...

ग़ाज़ियाबाद: देश के आठ प्रसिद्ध मठों में गाजियाबाद के दूधेश्वर नाथ मंदिर मठ का नाम शुमार है. शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी इस प्राचीन मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचीं.  बता दें, गाजियाबाद के इस मंदिर का इतिहास लंकापति रावण से सम्बंधित है. बताया जाता है कि यहां एक बार जो दर्शन करने आता है उसकी मनोकामना भोले बाबा अवश्य पूरी करते हैं. आपको बताते हैं क्या है इस मंदिर से सम्बंधित अनोखा इतिहास और क्यों है इसकी इतनी मान्यता.

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इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां लंका नरेश रावण के पिता ने कड़ी तपस्या की थी. मंदिर के मंहत नारायण गिरी के मुताबिक इस मंदिर से पहले यहां एक सुरंग थी जो सीढ़ी रावण के गांव बिसरख और हिंडन की ओर निकलती थी. लेकिन वक़्त के साथ सुरंग का अस्तित्व समाप्त होता चला गया. पुराणों में हिरण्यदा नदी के किनारे बसे हिरण्यगर्भ ज्योतिर्लिंग के बारे में बताया गया है. यह वही स्थान है जहां रावण के पिता विश्वश्रवा ने कड़ी तपस्या की थी. कालांतर में हरनंदी नदी का नाम बदलकर हिंडन हो गया. वहीं हिरण्यगर्भ ज्योतिर्लिंग दूधेश्वर महादेव मठ मंदिर में धरती से साढ़े तीन फीट नीचे स्वयंभू दिव्य शिवलिंग स्थापित है. 

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दूधेश्वर महादेव मंदिर से सम्बंधित सबसे प्रचलित कथाओं में से एक कथा गाय से भी सम्बंधित है. बताया जाता है कि पास ही बसे कैला गांव की गाय जब यहां घास चरने आती थी तो यहां स्थित टीले पर अपने आप ही उनके थनों से दूध झरने लगता था. इस घटना से हैरान गांववासियों ने एक दिन इस स्थान की खुदाई कर डाली. खुदाई के दौरान गांववासियों को यहां से एक शिवलिंग मिला. गाय का दूध गिरने के कारण ही इस शिवलिंग क नाम दूधेश्वर रखा गया. 

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