नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को दो पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला पर जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) लगाने पर भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे अलगाववादियों के खिलाफ खड़े थे और उन्होंने कभी भी हिंसा और बंटवारे का समर्थन नहीं किया। प्रियंका गांधी ने यह भी कहा कि दोनों नेताओं को रिहा कर देना चाहिए और बगैर किसी आधार के उन्हें नज़रबंद करके नहीं रखा जाना चाहिए। प्रियंका ने कई ट्वीट के जरिए कहा कि, "किस आधार पर महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला पर PSA लगाया गया है? उन्होंने भारत के संविधान को कायम रखा, लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अनुपालन किया, अलगाववादियों के खिलाफ डटे रहे और कभी भी हिंसा और बंटवारे का समर्थन नहीं किया।" प्रियंका वाड्रा ने आगे कहा कि, "वे रिहा किए जाने के लायक हैं, न कि बगैर किसी आधार के बंदी बनाए जाने के योग्य।" जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन द्वारा अब्दुल्ला और महबूबा समेत चार राजनेताओं पर PSA लगाने के एक दिन बाद प्रियंका गांधी का यह बयान आया है। आपको बता दें कि पांच फरवरी को उक्त नेताओं की नजरबंदी को छ महीने पूरे हो गए। इनके साथ ही तीन बार सीएम रह चुके और श्रीनगर से सांसद फारुक अब्दुल्ला भी PSA के तहत नजरबंद हैं। पाकिस्तान: हिन्दू लड़की ने अदालत में कहा- इस्लाम कबूल नहीं, जबरन करवाया निकाह दिल्ली फतह करने के लिए भाजपा का मास्टर प्लान, अमित शाह ने कार्यकर्ताओं को दिया गुरु-मंत्र केजरीवाल की सरकार झूठी और रोंदू, इस चुनाव में होगा दिल्ली की किस्मत का फैसला- मनोज तिवारी