फतेहपुर: यूपी की फतेहपुर पुलिस ने मदरसे के भीतर हुए 9 वर्षीय नाबालिग छात्र के क़त्ल की गुत्थी सुलझा ली है। हत्या के आरोप में बुधवार (3 जुलाई) को मदरसे के ही एक हाफिज एवं एक मौलवी को गिरफ्तार किया गया है। हाफिज का नाम दिलनवाज है, जबकि मौलवी का नाम रकीमुद्दीन है। दोनों रिश्ते में जीजा-साले लगते हैं। दरअसल, शनिवार (29 जून 2024) को मदरसे के भीतर बच्चे के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म किया गया था। राज खुलने के डर से दोनों अपराधियों ने मिलकर नाबालिग का क़त्ल कर दिया था। अपराधी दिलनवाज को पोर्न देखने की लत है। फतेहपुर के पुलिस अधीक्षक IPS उदय शंकर सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मदरसे में तकरीबन 20 बच्चे पढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि इस मदरसे में पढ़ाने वाले हाफिज दिलनवाज ने 9 वर्षीय बच्चे के साथ कुकर्म किया था। जब बच्चे ने विरोध किया तो उसका निर्ममता से क़त्ल कर दिया गया। क़त्ल के पश्चात् दिलनवाज ने मदरसे के मौलवी रकीमुद्दीन के साथ मिलकर बच्चे की लाश को ठिकाने लगा दिया। दोनों ने शव को एक बोरी में भरकर मदरसे से तकरीबन 400 मीटर दूर एक कब्रिस्तान के पास बने कुएँ में फेंक दिया था। पुलिस अधीक्षक ने आगे बताया कि चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के साथ जिला अल्पंसख्यक कल्याण विभग इस मामले की अलग-अलग तहकीकात करवा रहा है। मदरसे की वैधता की भी तहकीकात चल रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपित हाफिज दिलनवाज पोर्न देखने का आदी है। मृतक मदरसे में आयु में सबसे छोटा था। घटना के दिन भी दिलनवाज ने मोबाइल पर पोर्न देखी। आगे उन्होंने बताया कि दिलनवाज ने मदरसे में पीड़ित छात्र को अकेला पाकर उससे कुकर्म किया था। कुकर्म के पश्चात् पोल खुलने के डर से उसने रस्सी से गला घोंट कर छात्र को मार डाला था। दिलनवाज का जीजा रकीमुद्दीन इसी मदरसे में मौलवी था। उसने अपने साले को बचाने के लिए बच्चे की लाश को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। रकीमुद्दीन ने रातों-रात बोरी में बच्चे का शव भर करके उसे पास के कब्रिस्तान से सटे हुए कुएँ में फेंक दिया था। शव को मदरसे से कुएँ तक मोटरसाइकिल से ले जाया गया था। ख़ास बात ये है कि मौलवी रकीमुद्दीन ने ही छात्र के परिजनों को बच्चे के गायब होने की खबर फोन पर दी थी। पुलिस ने दोनों अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ हत्या में इस्तेमल हुई रस्सी को भी बरामद कर लिया है। पुलिस ने शव को ले जाने के लिए प्रयोग की गई मोटरसाइकिल को भी सीज कर लिया है। बता दें कि 30 जून को मालवां थाने के एक गाँव के कुछ चरवाहों ने कुएँ में एक शव को तैरता हुए देखा था। तत्पश्चात, इसकी खबर पुलिस को दी गई। पुलिस की उपस्थिति में शव को कुएँ से निकला गया। लाश के हाथ और पैरों को बाँध दिया गया था। मुँह पर भी टेप चिपका दिया गया था। पुलिस ने मृतक छात्र के परिजनों को बुलाया तथा उसकी शिनाख्त करवाई। तत्पश्चात, घरवालों से तहरीर ले कर मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ हत्या, पॉक्सो एवं IPC की धारा 377 समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज की है। मृत छात्र का शव अंतिम संस्कार के लिए उनके परिवार वालों को सौंप दिया गया है। हाथरस हादसे पर आई 'नारायण साकार हरि' की पहली प्रतिक्रिया, जानिए क्या कहा? दिमाग की नस के फूलने के कारण गुब्बारे की तरह फूल गया शरीर का हिस्सा, डॉक्टर ने ऐसे बचाई जान इंदौर के अनाथाश्रम में 5 बच्चों की हुई मौत, अस्पताल में 38 बच्चे भर्ती