चंडीगढ़: खालिस्तान समर्थक संगठन कौमी इंसाफ मोर्चा (KIM) ने ऐलान किया है कि उसके सदस्य पहले ही जेल की सजा काट चुके सिख कैदियों की रिहाई के समर्थन में 15 अगस्त को चंडीगढ़ की ओर मार्च करेंगे। राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए, चंडीगढ़ और मोहाली पुलिस ने खालिस्तान समूह की घोषणा के बाद सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए हैं, खासकर सेक्टर 52-53 लाइट प्वाइंट पर, जहां प्रदर्शनकारियों ने सड़क के एक हिस्से को अवरुद्ध कर दिया था। संत समाज के प्रतिनिधियों के नेतृत्व में 31 सदस्यीय "जत्था" ने भी चंडीगढ़ सीमा तक मार्च किया और मोर्चा को अपना समर्थन दिया और लोगों को 15 अगस्त को चंडीगढ़ में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के घर के बाहर प्रदर्शन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। किसी भी अवांछनीय स्थिति को रोकने और क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। बता दें कि, सिख कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस अधिकारियों के बीच इस साल फरवरी में झड़पें हुईं थीं। चंडीगढ़-मोहाली सीमा के करीब हुई इस घटना में 33 पुलिस अधिकारियों को चोटें आईं, जबकि कई पुलिस कारों को नुकसान पहुंचा था। समूह के सदस्य सिख कैदियों की रिहाई के लिए कई महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, विशेष रूप से बलवंत सिंह राजोआना, जिन्हें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या का दोषी पाया गया था, और देविंदरपाल सिंह भुल्लर, जिन्हें 1993 के दिल्ली बम विस्फोट में संलिप्तता का दोषी ठहराया गया था। 'पीएम मोदी के खिलाफ यदि वाराणसी से चुनाव लड़ें प्रियंका गांधी, तो..', संजय राउत का बड़ा दावा हर घर तिरंगा अभियान: PM की अपील का दिखा असर, सरकारी वेबसाइट पर 40 लाख लोगों ने पोस्ट की सेल्फी कल तक भाई थे, आज 'कसाई' कैसे बन गए ? आज़ादी के 'तोहफे' के नाम पर आई थी लाशों से भरी ट्रेनें