विश्वभर में कोरोना वायरस को लेकर अभी भी सूचनाएं जुटाई जा रही है। कोविड के बारे में अभी भी बहुत सी नई सूचनाएं रोड सामने आ रही हैं। कोविड-19 के केस में इम्यूनिटी का बेहद अहम रोल है। इसमें वायरस के विरुद्ध शरीर में एंटीबॉडी का होना सबसे अहम है। हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली कोविड-19 (SARS-CoV-2) को एक हानिकारक के रूप में पहचानती है और इसके जवाब में हमारे शरीर मे एंटीबॉडी का निर्माण करती है, जो इस घातक वायरस से हमे लड़ने में सहायता करती है। मिली जानकारी के अनुसार अब एंटीबॉडी को लेकर एक नया शोध आया है जिसमें बोला गया है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक कोरोना वायरस एंटीबॉडी का उत्पादन होता है। पुर्तगाल के शोधकर्ताओं का कहना है कि औसतन पुरुष महिलाओं की तुलना में अधिक कोरोना वायरस की एंटीबॉडी का उत्पादन करते हैं। इस शोध में यह बात सामने आई है कि 90 प्रतिशत लोगों में कोरोना संक्रमण के बाद सात महीने तक ये एंटीबॉडी पाई जाती है। वहीं यह भी कहा जा रहा है यूरोपीय जर्नल ऑफ इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित परिणाम यह भी कहते हैं कि उत्पादित एंटीबॉडी के स्तर में उम्र एक अहम् कारक नहीं है, लेकिन रोग की गंभीरता है। इस शोध के लेखक मार्क वैल्डोहेन ने मेडिसिन आणविक जोआओ लोबो एंट्यूस से पुर्तगाल में बोला कि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली कोविड- 19 को हानिकारक के रूप में पहचानती है और इसके जवाब में एंटीबॉडी का निर्माण करती है, जो वायरस से लड़ने में सहायता करती है। जानिए कैसे अमेरिकी चुनाव है भारतीय चुनाव से अलग: अमेरिकी चुनाव 2020 घर में पढ़ रही थी 8 वर्ष की बच्ची, अज्ञात ने दागी गोली नाइजीरिया में पुलिस के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, कर रहे विरोध प्रदर्शन