नई दिल्ली: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कहर के बीच दवाओं के साथ थर्मामीटर व ऑक्सीमीटर की भारी कमी हो गई है। 100 रुपये वाला थर्मामीटर 300 से अधिक और 500 वाला ऑक्सीमीटर दो से ढाई हजार रुपये में मिल रहा है। ज्यादातर मेडिकल स्टोरों पर यह उपलब्ध भी नहीं है। ऐसे में कई मेडिकल स्टोरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। एक महीने में दवाओं की खपत और मांग के साथ कालाबाजारी के कारण कंपनियों ने दवाओं के दाम में 30 फीसदी बढ़ा दिए हैं। थर्मामीटर, आक्सीमीटर, मॉस्क, ग्लब्स और सेनेटाइजर, वेपोराइजर, ब्लड प्रेशर मापने की मशीन और ग्लूकोमीटर कई गुना ज्यादा दामों पर बेचा जा रहा है। अमीनाबाद के थोक दवा कारोबारी अजय मिश्रा बताते हैं कि एक महीने में खपत और डिमांड कई गुना बढ़ गई है। थोक कारोबारी मांग पूरी नहीं कर पा रहे हैं। कंपनियों से भी दवाएं नही मिल पा रही हैं। इस वजह से दवाओं की कमी बहुत बढ़ गई है। कुछ लोग चोरी छुपे दवाओं की ब्लैक मार्केटिंग कर रहे हैं। बता दें कि 80 से 100 रुपए में मिलने वाला थर्मामीटर 250 से 300 रुपये में बेचा जा रहा है। वहीं 500 रुपए का ऑक्सीमीटर 2500 रुपये तक में बेचा जा रहा है। यहां तक की BP चेक करने की मशीन भी मनमाने दामों पर बेचीं जा रही है। जो पहले 1000 रुपए तक में बिकती थी, वह अब 2500 से 3000 रुपए में बेची जा रही है। कोरोना: इमरजेंसी हेल्थ सेवा के लिए 50,000 करोड़ रुपये देगा RBI, शक्तिकांत दास ने किया ऐलान ख़त्म हुए चुनाव, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में फिर लगी आग, जानिए आज के भाव 2021-22 के लिए भारत की आशाओं को बड़ा झटका, Goldman Sachs ने कम किया वृद्धि अनुमान