नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी पर BBC द्वारा बनाई गई प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री पर उठे विवाद के बीच 300 से ज्यादा प्रतिष्ठित नागरिकों ने ब्रिटिश मीडिया एजेंसी BBC के खिलाफ एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि डॉक्यूमेंट्री से भारत की छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने अपने पत्र में BBC को ब्रिटिश हुकूमत की भी याद दिलाई। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि भारत ने वो अतीत भी देखा है जिसमें "हुकूमत करने वाले ही जज और जूरी" हुआ करते थे। BBC को पत्र लिखने वालों में 13 सेवानिवृत्त न्यायाधीश और 133 सेवानिवृत्त नौकरशाह शामिल हैं। इनमें 33 राजदूत और 156 सेवानिवृत्त सशस्त्र बल अधिकारियों के भी दस्तखत शामिल हैं। बता दें कि इससे पहले भारत ने गुरुवार को BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री को 'दुष्प्रचार का एक हिस्सा' बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया था। भारत ने कहा था कि इसमें पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट दिखाई देती है। BBC ने 'इंडिया : द मोदी क्वेश्चन' टाइटल से दो हिस्सों में 2022 गुजरात दंगों का दोष तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी पर मढ़ते हुए प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री बनाई है। प्रतिष्ठित भारतीय नागरिकों ने BBC को अपने पत्र में कहा है कि, 'एक बार फिर, भारत के प्रति BBC की नकारात्मकता और कठोर पूर्वाग्रह पर आधारित एक "इंडिया: द मोदी क्वेश्चन" डॉक्यूमेंट्री सामने आई है। BBC का दावा है कि इस (सीरीज के) प्रोडक्शन में "उच्चतम संपादकीय मानकों के मुताबिक कड़ाई से शोध किया गया है", और "भारत के हिंदू बहुमत और मुस्लिम अल्पसंख्यक के बीच टकराव की जांच की गई है। साथ ही उन तनावों के संबंध में भारत के पीएम नरेंद्र मोदी की सियासत की पड़ताल करता है" और साथ ही यह "उन विवादास्पद नीतियों की” पड़ताल करता है जो उनके द्वारा लागू की गईं है।' भाजपा में वापसी करेंगे उपेंद्र कुशवाहा ? JDU से चल रहे नाराज़ फर्जी था स्वाति मालीवाल का स्टिंग ऑपरेशन, छेड़छाड़ करने वाला AAP कार्यकर्ता ? LG से शिकायत हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाता रहा बुजुर्ग, लाठियां बरसाती रहीं 2 लेडी कांस्टेबल, बिहार की घटना