नई दिल्ली: अमुमन लोग अपनी संपत्ति को बढ़ाने मंे ही जुटे रहते है तो वहीं दान के नाम पर भी अधिक से अधिक कोई खर्च नहीं करना चाहता। लेकिन एलएनटी समूह के प्रमुख एएम नाईक ने अपनी आधी से अधिक सम्पति को दान करने का निर्णय लिया है। एलएनटी समूह देश ही नहीं विदेशों में भी इंजीनियरिंग कंपनी के रूप में जानी-मानी है। गौरतलब है कि नाईक सितंबर 2017 में कंपनी से सेवा निवृत्त हो रहे है। उनका कहना है कि दान देने की उनकी शुरू से ही इच्छा रही है और वह इसके लिये स्वतंत्र है। वे अपनी संपत्ति का 75 प्रतिशत दान करने वाले है। गरीबी में बिताया था जीवन- नाईक ने अपने पुराने दिनों को याद किया और बताया कि वे गरीब परिवार से रहे है। उनके पिता और दादा के पास पैसे नहीं थे और इसके बाद उन्होंने संघर्ष करते हुये अपना मुकाम बनाया। उनका कहना है कि उन्होंने जो दिन देखे है, वे अन्य न देखे। नाईक के अनुसार उन्होंने दो ऐसी संस्थाओं को शुरू किया है, जो बच्चों की शिक्षा और उनकी प्रतिभा को निखारने के अलावा गरीबों के इलाज का काम करेगी। अभी तक सवा सौ करोड़ दान- नाईक शुरूआती तौर से ही उदार रहे है। इतने बड़े पद पर रहने के बाद भी उन्हें घमंड छू नहीं सका। वे समाजसेवा के कार्य ही नहीं दान देने में भी आगे रहे है। बताया जाता है कि उन्होंने अभी तक सवा सौ करोड़ से अधिक दान कर दिया है। वे एलएनटी कंपनी में बतौर जूनियर इंजीनिय के पद पर आये थे। इसके बाद अपने कार्यक्षमता के बल पर उन्होंने न केवल सीईओ पद को प्राप्त किया वहीं चैयरमेन भी बन गये। 600 करोड़ का कारोबारी बना जैन मुनि