चंडीगढ़ : कोर्ट के मुताबिक लंबे समय तक संबंध बनाते हुए साथ रहना ही लिव इन रिलेशनशिप नहीं है, बल्कि यदि दो दिन भी इस प्रकार साथ रहते हैं तो उसे भी लिव इन रिलेशनशिप माना जाता है. पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की डबल बेंच ने यह टिप्पणी प्रेमी द्वारा प्रेमिका की कस्टडी उसके अभिभावकों से लेकर उसे सौंपने की अपील वाली याचिका पर दी है. रेल मंत्री ने महाराष्ट्र की ट्रेनों की सूची को लेकर कही यह बात इसके अलावा एकल पीठ के समक्ष याचिका दाखिल करते हुए याची ने कहा था कि उसकी प्रेमिका उसके साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रही थी. इस दौरान उसके परिजन उसको बलपूर्वक ले गए थे. सिंगल बेंच ने कहा था कि ऐसा कोई सबूत मौजूद नहीं है, जिससे यह साबित किया जा सके कि युवती उसके साथ लिव इन रिलेशनशिप में थी. विवादों से घिरा मनोज तिवारी के क्रिकेट खेलने का मामला आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह सब युवती को बदनाम करने की साजिश है. इस टिप्पणी के साथ ही एकल पीठ ने युवक पर 1 लाख जुर्माना लगाते हुए यह राशि युवती को अदा करने के आदेश दिए थे. एकल पीठ के इस फैसले के खिलाफ डिवीजन बेंच में अपील दाखिल की गई. केस की परिस्थितियों को देखते हुए हाईकोर्ट ने एकल पीठ द्वारा लगाया गया 1 लाख का जुर्माना माफ कर दिया.हालांकि डबल बेंच ने युवक की उम्र 20 साल ही होने के कारण युवती को उसकी कस्टडी में देने की मांग खारिज कर दी. हाईकोर्ट ने कहा कि लड़का 21 साल की उम्र में बालिग होता है और उससे पहले शादी भी नहीं कर सकता. ऐसे में लड़की की कस्टडी उसे नहीं दी जा सकती. ईद पर भाईजान ने फैंस को दी ईदी, रिलीज किया सांग 'भाई-भाई' जयपुर में टिड्डियों ने बोला हमला, जिले के 2500 हैक्टेयर को पहुंचाया नुकसान बोनी कपूर के बाद करण जौहर के घर दो नौकर निकले कोरोना पॉज़िटिव