अमृतसर: पंजाब के किसानों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. किसान गेहूं खरीद पर बोनस और धान की बुवाई आरंभ करने के आदेश सहित कई मांगों को लेकर चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर के पास धरने पर बैठ गए हैं. किसान चंडीगढ़ की तरफ कूच करना चाहते थे, मगर पुलिस ने उन्हें रोक दिया है. बॉर्डर पर बड़ी तादाद में पुलिसबल और बैरिकेडिंग की गई है. वहीं, सीएम भगवंत मान किसान यूनियनों के पदाधिकारियों के साथ चर्चा करने के लिए पंजाब भवन पहुंचे हैं. फिलहाल गतिरोध जारी है. इससे पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़-मोहाली सरहद पर किसानों के आंदोलन को अनावश्यक करार दिया था. उन्होंने किसान यूनियनों को नारेबाजी बंद करने और पंजाब में गिरते जल स्तर को रोकने में राज्य सरकार का सहयोग करने के लिए कहा है. सीएम भगवंत मान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि धान की बुवाई कार्यक्रम से किसानों के हितों को कोई नुकसान नहीं होगा. वहीं, प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा है कि गेहूं के लिए 500 रुपये बोनस की मांग की गई थी, जिस पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सहमति जताई, किन्तु उसकी अधिसूचना जारी नहीं की गई. हम बासमती, मूंग पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए अधिसूचना की भी मांग करते हैं. बिजली के प्रीपेड मीटर नहीं लगाए जाने चाहिए. मांगें पूरी होने तक हम चंडीगढ़ में दिल्ली जैसा आंदोलन जारी रखेंगे. दिल्ली में बुलडोज़र पर सियासत शुरू, केजरीवाल सरकार ने MCD से मांगी रिपोर्ट JDS छोड़कर भाजपा में शामिल हुए बसवराज होराती, अमित शाह से की मुलाकात ज्ञानवापी मामले पर सपा की महिला नेता रुबीना खानम का बड़ा बयान, कहा- अगर वहां मंदिर है तो...