अमृतसर: पंजाब के पूर्व सीएम सरदार प्रकाश सिंह बादल ने आज पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के ऐलान को "इतिहास में एक निर्णायक क्षण" करार दिया है. उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व का यह पवित्र दिन किसानों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. बादल ने एक बयान में कहा कि, 'पूरे विश्व में किसान संघर्ष के इतिहास में यह सबसे बड़ी घटना है. मैं महान गुरु नानक देव जी महाराज को धन्यवाद देता हूं और अपने खेतों में पसीना बहाने वाले हर किसान को बधाई देता हूं.' बता दें कि प्रकाश सिंह बादल की पार्टी शिरोमणि अकाल दल (शिअद) ने कृषि कानूनों के विरोध में भाजपा नीत गठबंधन से गत वर्ष अपने आप को अलग कर लिया था. बता दें कि शिरोमणि अकाली दल 24 वर्षों तक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा रहा था. इन कानूनों को लागू करने से पहले किसानों से परामर्श नहीं किए जाने पर अफसोस जाहिर करते हुए प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि, 'लोकतांत्रिक सरकारों के इतिहास में यह पहली दफा हुआ है कि किसानों को भी शामिल किए बगैर क्रूर कानून बनाए गए. किसी भी सरकार को कभी भी ऐसा नहीं करना चाहिए. ऐसा असंवेदनशील और क्रूर काम वापस नहीं होना चाहिए.' पीएम मोदी के ऐलान पर प्रतिक्रिया देते हुए बादल ने कहा कि इस फैसले का प्रभाव किसानों से कहीं अधिक होगा. पूरे विश्व में गरीबों और वंचितों के लिए इन्साफ के लिए संघर्ष पर इसका व्यापक और दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा. बादल ने संघर्ष के दौरान किसानों की मौतों पर दुख प्रकट किया. उन्होंने कहा कि 'मेरी पहली संवेदना उन 700 से ज्यादा किसानों के परिवारों के साथ है, जिन्होंने इस न्यायपूर्ण और महान संघर्ष के पथ पर शहादत को चूमा. काश, वे यहां हमारे साथ आज का दिन देखने के लिए जीवित होते. ' 'चुनाव बाद ये लोग फिर बिल ले आएँगे, सतर्क रहें..', पीएम मोदी के ऐलान पर अखिलेश को भरोसा नहीं सिंधिया के बेटे महाआर्यमन ने पहना सियासी कुर्ता, तलवार से काटा केक, वीडियो वायरल पीएम मोदी ने एक तीर से साधे 2 निशाने, यूपी-पंजाब में मिल सकता है बड़ा फायदा