चंडीगढ़ : पंजाब सरकार के बजट में जब से सभी आयकरदाताओं से 200 रुपए प्रति माह विकास शुल्क को अनिवार्य किए जाने की घोषणा की थी,तब से इसका लगातार विरोध हो रहा था .इस मुद्दे पर सरकार यू टर्न लेते हुए अब इसे स्वैच्छिक करने पर विचार कर रही है.शुल्क नीति की अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी. बता दें कि इस बारे में वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने संकेत देते हुए कहा कि 24 मार्च को पेश बजट में आयकरदाताओं से 200 रुपए प्रति माह विकास शुल्क वसूलने की घोषणा की थी. इस मामले में लोगों में तो नाराजगी थी ही, विपक्षी दल भी सत्ता पर हमले कर रहे थे.जबकि सरकार की योजना इससे 150 करोड़ रुपए एकत्रित करने का दावा किया था, लेकिन बढ़ते जन आक्रोश को देखते हुए सरकार को अपना यह फैसला बदलने पर मजबूर होना पड़ा है . पंजाब सरकार द्वारा बिजली के मूल्य में 20 प्रतिशत वृद्धि किए जाने से भी लोगों में नाराजगी देखी जा रही है. इस बारे में राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि विकास शुल्क को अनिवार्य करने की बजाय स्वैच्छिक रूप से लागू करने को लेकर बड़े स्तर पर विचार-विमर्श किया जा रहा है.इस माह के आखिर तक नीति को अंतिम रूप दे दिया जाएगा .इसके बाद ही इस योजना की अधिसूचना जारी की जाएगी. यह भी देखें पंजाब कैबिनेट विस्तार में दलितों की उपेक्षा लंगर से जीएसटी हटाए सरकार - अखिलेश