अमृतसर: सुरक्षा एजेंसियां खालिस्तानी समूहों की नई रणनीति के प्रति सचेत हो गई हैं। एनआईए की जांच में यह सामने आया है कि ये समूह पंजाब में कश्मीर की तर्ज पर स्थानीय मददगारों का नेटवर्क बनाने में जुटे हैं, ताकि वे अपने अस्थिरता के योजनाओं को लागू कर सकें। कनाडा और पाकिस्तान में मौजूद खालिस्तानी आतंकियों के निर्देश पर स्थानीय युवाओं की भर्ती की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, स्थानीय मोड्यूल के माध्यम से व्यापारियों से जबरन वसूली की योजना बनाई गई है, जिससे एकत्रित धन का उपयोग खालिस्तान आंदोलन को मजबूत करने में किया जाएगा। एनआईए ने बीकेआई और उसके कार्यकर्ताओं के लिए धन जुटाने की साजिशों का खुलासा कई मामलों में किया है। स्थानीय मददगारों की मदद से पाकिस्तान सीमा से ड्रग्स और हथियारों की तस्करी की जा रही है। खालिस्तानी आतंकियों ने पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए इन आपूर्ति को पंजाब में भेजने में भी सक्रिय भूमिका निभाई है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी (आईएसआई) खालिस्तानी समर्थक आतंकियों और पंजाब में सक्रिय गैंगस्टरों का सहारा ले रही है। पंजाब में गैंगस्टरों के माध्यम से स्थानीय मोड्यूल को विदेश से फंडिंग मिल रही है। इस बीच, आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंदा, जो पाकिस्तान में छिपा हुआ है, और कनाडा में स्थित गुरपतवंत सिंह पन्नू अपने नेटवर्क का विस्तार करने में लगे हुए हैं। आखिरकार संयुक्त-राष्ट्र को दिखा बांग्लादेशी हिन्दुओं का कत्लेआम..! अब कोई एक्शन की उम्मीद बदायूं में दुखद सड़क हादसा, दिवाली मनाने लौट रहे परिवार के 6 लोगों की मौत LAC से पूरी तरह हटी सेनाएं, आज चीनी सेना का मुंह मीठा कराएंगे भारतीय जवान