मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत की जमकर सराहना करते हुए उसे एक महान शक्ति बताया है। उन्होंने भारत की आर्थिक विकास दर, संस्कृति और भविष्य की संभावनाओं की तारीफ की। पुतिन ने वल्दाई डिसक्शन क्लब में भारत और रूस के ऐतिहासिक संबंधों का जिक्र किया और कहा कि दोनों देशों के रिश्ते आपसी विश्वास और सहयोग पर आधारित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और रूस का सहयोग रक्षा से लेकर आर्थिक विकास तक हर क्षेत्र में और गहरा हुआ है। पुतिन ने भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभुत्व का भी उल्लेख किया और कहा कि भारत का स्थान अब दुनिया की महाशक्तियों के बीच है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 जुलाई को रूस की यात्रा के दौरान पुतिन से मुलाकात की थी, और इस दौरान दोनों नेताओं ने गले लगकर दोस्ती का परिचय दिया। हालांकि, मोदी और पुतिन का यह गले लगाना पश्चिमी देशों को ठीक नहीं लगा, और अमेरिका ने भारत से यह सवाल किया कि वह न्यूट्रल नहीं रह सकता, उसे एक पक्ष चुनना होगा। रूस यात्रा पर हुए विवाद और आलोचनाओं के बावजूद, पीएम मोदी ने कहा था कि जब युद्ध और हिंसा हो रही हो, तो शांति वार्ता सफल नहीं हो सकती। उनका यह भी कहना था कि संघर्ष का समाधान युद्ध नहीं हो सकता। भारत और रूस के संबंधों को और मजबूत करते हुए, जुलाई में ब्रिक्स समिट ने इस दोस्ती को एक नया आयाम दिया। प्रधानमंत्री मोदी कजाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) समिट में शामिल नहीं हुए थे, लेकिन रूस के राष्ट्रपति पुतिन के आमंत्रण पर उन्होंने ब्रिक्स समिट में हिस्सा लिया। ब्रिक्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच बातचीत हिंदी और रूसी भाषा में हो रही थी। इस दौरान पुतिन ने मोदी से कहा कि भारत और रूस के रिश्ते इतने मजबूत हैं कि मुझे लगता है आप मेरी बातें बिना ट्रांसलेटर के भी समझ सकते हैं। इस टिप्पणी पर पीएम मोदी मुस्कुरा पड़े और हंसते हुए जवाब दिया। गुरुग्राम में बुलडोज़र एक्शन, 45 झुग्गियां समेत 100 रेहड़ियां हटाई गईं तिरुपति लड्डू विवाद की CBI जांच की मांग..! जानिए क्या बोली सुप्रीम कोर्ट? सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र से केजरीवाल ने की तुलना, बोले- भगवान अपने प्रिय भक्तों को...