सावन का महीना खत्म होने को है और इस बीच कुछ और खास दिन बाकी हैं. उन्ही में से एक एकादशी आ रही है जिसका खास लाभ मिलता है. बता दें, ये एकादशी 22 अगस्त को पड़ रही है जो बुधवार की है. शास्त्रों और पुराणों में इसे पवित्र एकादशी कहते हैं और इसके अलावा इसे पुत्रदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इसे करने से पिछले जन्म के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और जिन्हें संतान ना हो उन्हें संतान होती है और घर में सुख समृद्धि बनी रहती है. पुराणों में इसकी कथा का भी खास महत्व है. सावन के अंतिम सात दिनों में करें 7 उपाय, होगा लाभ श्रावण मास की शुक्ल पक्ष को एकादशी है जो 22 अगस्त की है. इसे करने के लिए आपको प्रातः काल स्नान ध्यान करके भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. भगवान के सामने व्रत का संकल्प लें और पूरे दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु का पूजन करें और रात में जागरण करें भगवान का ध्यान करें. इस व्रत को खोलने के लिए अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को ब्रह्मणों को भोजन करवाएं और दान-दक्षिणा दें. सुबह-सुबह मिले ये संकेत तो पूरा दिन होगा शुभ अगले दिन सुबह स्नान करके भगवान विष्णु की आरती करें और प्रसाद बनते. ध्यान रहे एकादशी के व्रत में भोजन नहीं किया जाता इसलिए इसे दूसरे दिन ब्राह्मणों के भोजन के साथ खोलें और उनका आशीर्वाद लें. पवित्रा एकादशी का व्रत करता है उसको वाजपेय यज्ञ करने का फल प्राप्त होता है. इससे पूर्व जन्म के पाप के कारण जीवन में आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिलती है और मनवांछित फल प्राप्त होता है. यह भी पढ़ें.. इनकी कुंडली में है देश का अगला पीएम बनने के योग? सावन के अंतिम सोमवार में बन रहा खास योग