इस वर्ष भारतीय बैटमिंटन के स्टार पीवी सिंधु के सितारे बुलंदी पर हैं. सिंधु ने वो कर दिखाया जो आज तक कोई भी भारतीय नहीं कर पाया था। यह साल वर्ल्ड बैटमिंटन में सिंधु ने भारत का परचम लहराते हुए विश्व चैंपियन बनाकर अपनी धाक जमाई हैं| भारतीयों की उम्मीदों को पूरा करते हुए स्टार शटलर पीवी सिंधु ने इस साल को यादगार बना दिया हैं | 42 साल से चले आ रहे भारत के सूखे को खत्म किया। भारत की तरफ से वह वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाली पहला भारतीय बनीं। सिंधु ने इससे पहले इस चैंपियनशिप में वैसे तो चार पदक जीते थे लेकिन कभी उसका रंग गोल्ड नहीं था। दो रजत और दो कांस्य पदक जीतने वाली सिंधु ने इस साल आखिरकार सोने के तमगे को हासिल कर ही लिया। साल का यह महीना 25 अगस्त 2019 का दिन भारतीय बैटमिंटन के लिए ऐतिहासिक रहा। रविवार को वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप के फाइनल में भारतीय स्टार ने जापानी खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा के खिलाफ 21-7 और 21-7 की एकतरफा जीत अपने नाम की हैं। महज 38 मिनट में सिंधु ने भारतीय बैडमिंटन का इतिहास रच दिया। भारतीय स्टार बैडमिटन प्लेयर पीवी सिंधु ने स्विट्जरलैंड के बासेल में गोल्ड मेडल हासिल कर सिंधु ने इस टूर्नामेंट 42 साल से भारत के चले आ रहे गोल्ड के सूखे को अंत कर दिया हैं। यह पांचवां मौका था जब सिंधु ने इस टूर्नामेंट में मेडल हासिल किया। साल 2013 और 2014 में उनको कांस्य पदक जबकि 2017 और 2018 में इस खिलाड़ी ने रजत पदक हासिल किया था। 2018 में सिंधु को स्पेन की कैरोलिना मरीन और साल 2017 में जापान की नोजोमी ओकुहारा से फाइनल में हार कर रजत पदक का सूखा खत्म किया| 50 वर्ष के पूरे हुए यह दिग्गज शतरंज खिलाड़ी, जन्मदिन पर किताब होगी लॉन्च सरकार से नहीं मिली मदद, घर बेचकर इस शख्स खोली बैडमिंटन अकादमी निशानेबाज रवि कुमार समेत यह मुक्केबाज डोप टेस्ट में हुआ फेल, वडा ने लगाया प्रतिबंध