नई दिल्लीः विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी पीवी सिंधु ने इतिहास रच दिया। उनके इस कारनामे की हर ओर तारीफें हो रही हैॆं। चैंपियनशिप जीतने के बाद सिंधु ने कहा कि जब वह अपना पहला स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहीं तब उनके पास अपनी खुशी बयां करने के लिये शब्द नहीं थे। सिंधु ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एकतरफा फाइनल मुकाबले में अपनी चिर प्रतिद्वंद्वी जापानी खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा को 21-7, 21-7 से करारी शिकस्त दी। दो वर्ष पहले ओकुहारा ने 110 मिनट तक चले बैडमिंटन के ऐतिहासिक मुकाबलों में से एक में सिंधु की स्वर्ण जीतने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया था, मग सिंधु आखिर में उसका बदला चुकता करने में सफल रही. सिंधु ने बाद में पत्रकारों से कहा, उन्होंने कहा, ‘मेरे पास कहने के लिये शब्द नहीं है क्योंकि मैं मैंने लंबा इंतजार किया. पिछली बार मैंने रजत पदक जीता, उससे पहले भी मुझे रजत पदक से संतोष करना पड़ा था और आखिर में मैं विश्व चैंपियन बन गयी. मैं वास्तव में बहुत खुश हूं। मैं लंबे समय से इसकी उम्मीद लगाये बैठी थी और आखिर में मैंने इसे हासिल किया और मैं इसका लुत्फ उठाना चाहती हूं. इसको महसूस करना चाहती हूं.’‘मैं वास्तव में बहुत खुश हूं. मुझे इस जीत का इंतजार था और आखिर में मैं विश्व चैंपियन बन गयी। सिंधु का यह विश्व चैंपियनशिप में पांचवां मेडल है और इस तरह से महिला एकल में उन्होंने चीन की पूर्व ओलिंपिक और विश्व चैंपियन झांग निंग की बराबरी की। सिंधु लगातार दो रजत और कांस्य मेडल अपने नाम कर चुकी हैं। BWF पैरा बैडमिंटन: आठ साल पहले हादसे में गँवा दिया था पैर, अब विश्व चैंपियन बनकर रच दिया इतिहास पी वी सिंधु ने रचा इतिहास, BWF बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल जीतने वाली पहली भारतीय बनीं US OPEN : इतिहास रचने के लिए उतरेंगी सेरेना विलियम्स