दुबई: खाड़ी देश कतर ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि तालिबान को अलग-थलग किया गया, तो इससे अस्थिरता और अधिक बढ़ सकती है. क़तर ने पूरी दुनिया के देशों से अनुरोध किया है कि अफगानिस्तान में सुरक्षा और सामाजिक आर्थिक चिंताओं को दूर करने के लिए तमाम देशों को आगे आना चाहिए. कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने ये बातें दोहा में एक कार्यक्रम के दौरान कही हैं. इस दौरान जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास (Heiko Maas) भी मौजूद थे. विदेश मंत्री ने आगे कहा कि, ‘यदि हम शर्तें रखना शुरू कर देंगे और इस जुड़ाव को रोकेंगे, तो हम एक रिक्त जगह छोड़ने जा रहे हैं और सवाल यह है कि इस रिक्त जगह को कौन भरेगा?’ बता दें कि कतर को अमेरिका का सहयोगी मुल्क माना जाता है और यही देश तालिबान और अमेरिका की वार्ता कराने में एक प्रमुख वार्ताकार रह चुका है. इसके साथ ही तालिबान का सियासी दफ्तर भी कतर में स्थित है. बात दें कि काबुल पर 15 अगस्त को कब्जा करने के बाद भी विश्व के किसी भी देश ने तालिबान को अफगानिस्तान में सरकार के रूप से मान्यता नहीं दी है. पश्चिमी देशों का कहना है कि तालिबान को एक समावेशी सरकार बनाना चाहिए और मानवाधिकारों का सम्मान करना चाहिए. शेख मोहम्मद ने कहा कि तालिबान को सरकार के रूप में मान्यता देना प्राथमिकता नहीं है. उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि तालिबान से जुड़े बिना हम सुरक्षा के मोर्चे पर या सामाजिक आर्थिक मोर्चे पर नहीं पहुंच सकते.’ पेरिस में लागू हुए नए सड़क नियम, अब लोग 30 किमी/घंटा की रफ्तार से ही चला सकेंगे गाड़ियां T20 World Cup 2021: 7 सितम्बर को हो जाएगा टीम इंडिया का ऐलान, 3 खिलाड़ी रहेंगे रिजर्व वीएफएस ग्लोबल ने कहा- "भारतीय यात्रियों के लिए यूएई पर्यटक वीजा...."