हमारे देश में पान का प्रयोग आदिकाल से होता रहा है, पान को मान, सम्मान और शान का प्रतीक माना गया है. मेहमान को पान खिलाकर विदा करना, शुभ कार्यों में पान खाना और पूजा में पान रखने के अलावा किसी कठिन कार्य की चुनौती स्वीकारने में भी पान का बीड़ा उठाना साहस माना जाता था. सच तो यह है कि पान के पत्ते में इतने गुण समाए हैं कि इनका बखान करना मुश्किल है. आइए आपको पान के उन गुणों से रूबरू करवाते हैं, जिनसे आप अपरिचित हैं. पान का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है. पूजा पाठ में पान का इस्तेमाल देवता को स्नान कराने और शुद्धिकरण के लिए भी किया जाता है .तंत्र साधना में भी पान अहम है . मनोकामना सिद्धि में भी यह काम आता है.भगवान शिव को पान अर्पित करने से व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है.बशर्ते पान का पत्ता कटा, फटा या सूखा न हो. शायद आपको पता न हो कि पान का पत्ता नकारात्मक ऊर्जा दूर कर सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है.पान से बुरी नजर का भी उपाय किया जाता है. पान में केवल गुलकंद, खोपरे का बुरा, कत्था, सौंफ और सुमन कतरी डालकर पान में गुलाब की सात पत्तियां रखकर खिलाने से बुरी नजर का असर खत्म हो जाता है.छोटे बच्चों को पेट दर्द होने पर पान के पत्ते को गर्म कर उस पर तेल लगाकर पेट पर बाँधने से भी आराम होता है. यही नहीं यदि बनते काम में रूकावट आती है, तो रविवार को एक पान का पत्ता घर से बाहर निकलते समय लेकर निकलें.आपके रूके हुए काम पूरे हो जाएंगे और बरकत भी बनी रहेगी. इसके अलावा व्यापार में लाभ के लिए पांच शनिवार प्रात: पांच पीपल के पत्ते और 8 पान के साबुत डंडीदार पत्ते लेकर उन्हें धागे में पिरोकर दुकान में पूर्व दिशा में बांधने से व्यापार में लाभ होता है. पान हमारी कई मुश्किलों को आसान करता है.यह गुणों की खान है. यह भी देखें 1 जून को क्या कहते हैं आंकड़े खुशियों के लिए इस तरह ढूंढिए मुस्कुराने के बहाने