इस कार्टूनिस्ट ने कार्टून की दुनिया को दिए नए आयाम

भारत के इतिहास में कई साहित्यकार और व्यंग्यकार हुए हैं और उनमें से एक रासीपुरम कृष्णस्वामी लक्ष्मण भी हैं। भारत में इन्हें संक्षेप में आर.के. लक्ष्मण के नाम से भी जाना जाता है। इनका जन्म 24 अक्टूबर 1921 को मैसूर में हुआ था। ये भारत के प्रमुख हास्यरस लेखक और व्यंग-चित्रकार थे। उन्हें द कॉमन मैन नामक उनकी रचना और द टाइम्स ऑफ़ इंडिया के लिए उनके प्रतिदिन लिखी जानी वाली कार्टून श्रृंखला यू सैड इट के लिए भी जाना जाता है जो वर्ष 1951 में आरम्भ हुई थी। 

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लक्ष्मण ने स्थानीय समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में अंशकालिक कार्टूनकार के रूप में अपना कैरियर आरम्भ किया था। जबकि कॉलेज छात्र के रूप में उन्होने अपने बड़े भाई आर के नारायण की कहानियों को द हिन्दू में चित्रित किया। उन्होने पहला पूर्णकालिक कार्य मुम्बई में द फ्री प्रेस जर्नल में राजनीतिक कार्टूनकार के रूप में आरम्भ किया था। उसके बाद उन्होंने द टाइम्स ऑफ़ इंडिया में कार्य करना आरम्भ कर दिया और कॉमन मैन के चरित्र ने उन्हें प्रसिद्धि दी।

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आर के लक्ष्मण का प्रारम्भिक कार्य स्वराज्य और ब्लिट्ज़ नामक पत्रिकाओं सहित समाचार पत्रों में रहा। लक्ष्मण ने कन्नड़ हास्य पत्रिका कोरवंजी में भी कार्टून लिखने का कार्य किया है। यह पत्रिका 1942 में डॉ.एम.शिवरम ने स्थापित की थी, इस पत्रिका के संस्थापक एलोपैथिक चिकित्सक थे तथा बैंगलोर के राजसी क्षेत्र में रहते थे। उन्होंने यह मासिक पत्रिका विनोदी, व्यंग्य लेख और कार्टून के लिए यह समर्पित की। शिवरम अपने आप में प्रख्यात कन्नड हास्य रस लेखक थे और उन्होंने लक्ष्मण को भी प्रोत्साहित किया। आर के लक्ष्मण ने द टाइम्स ऑफ़ इंडिया बॉम्बे से जुड़ने के बाद वहां करीब पचास वर्षों तक कार्य किया। उनका कॉमन मैन चरित्र प्रजातंत्र के साक्षी के रूप में चित्रित हुआ है। आर के लक्ष्मण की मृत्यु 93 साल की उम्र में 26 जनवरी 2015 को पुणे में हुई थी। 

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