लखनऊ। भारत में हर बार के चुनावों की तरह इस बार भी 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर का मुद्दा एक बार फिर तूल पकड़ने लगा है। अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने राम मंदिर को लेकर एक बयान दिया था और अब इसके विरोध में कुछ अयोध्‍या के संतों ने भी इस बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि भगवान् सत्‍ता देते भी हैं और सत्‍ता छीन भी सकते हैं और 2019 के चुनावों में बीजेपी को सत्‍ता मिलने वाली नहीं है। नेताओं को इन नामों से जानता है गूगल .... दरअसल उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने शनिवार को एक कार्यक्रम में राम मंदिर के मामले में कहा था कि जो काम होना है वो तो होकर ही रहेगा। उसे कोई टाल नहीं सकता। इस दौरान योगी ने यह भी कहा था कि जो नियति में लिखा है वो होकर ही रहेगा। इस बयान के विरोध में अयोध्‍या के संत और श्री रामलला के मुख्‍य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने कहा है कि बीजेपी को भगवान् राम ने ही सत्ता में पहुंचाया है। लेकिन ये नेता सत्ता में आने के बाद अयोध्या को लेकर अपनी भाषा बदल लेते हैं। बंदर भगाने हो तो करो बजरंग बली की आरती : योगी आदित्‍यनाथ रविवार को अयोध्‍या के संतों ने मुख्‍यमंत्री के इसी बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. श्री रामलला के मुख्‍य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने इस पर कहा कि दो सांसदों से लेकर सत्ता तक बीजेपी को भगवान राम ने भेजा. यही नेता सत्ता में रहने के बाद अयोध्या आकर भाषा बदल लेते हैं। आचार्य सतेंद्र ने कहा कि नेताओं का गिरगिट के समान स्वरूप बदलना भगवान राम के साथ धोखा है अब बीजेपी को अगले चुनाव में सत्ता नहीं मिलेगी। ख़बरें और भी शाहजहांपुर में आकाश से मौत बन कर आई बिजली, चार बच्चों समेत छह लोगों की मौत सीएम योगी ने किया उत्तर प्रदेश के नौजवानों का अपमान : कांग्रेस योगी आदित्यनाथ ने महागठबंधन को मजाक बताया