नई दिल्ली. देश में पिछले कुछ सालों से भारत-फ्रांस के बीच हुए राफेल विमान सौदे को लेकर बहुत विवाद चल रहा है और इस मामले को लेकर कल देश की सर्वोच अदालत ने भी केंद्र सरकार को एक आदेश देते हुए कहा था कि सरकार एक सील बंद लिफाफे में राफेल की कीमत और इसके फायदे बताए. लेकिन अब पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक ऐसी ख़बरें भी सामने आ रही है कि केंद्र सरकार कोर्ट के आदेश के बावजूद राफेल विमानों की कीमत साझा नहीं करेगी. राजस्थान चुनाव: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाले पीएम मोदी, उन्नाव दुष्कर्म पर चुप क्यों हैं- राहुल गाँधी दरअसल पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक खबर है कि सरकार ने इस मामले में कोर्ट को जानकारी सौपे जाने में अपनी असमर्थता जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर करने जा रही है. इस हलफनामे में सरकार इस डील को देश की सुरक्षा से जुड़ा अत्यंत गोपनीय मामला बताते हुए इस डील में विमानों की कीमत न बता सकने की बात कहेगी. सुप्रीम कोर्ट का राफेल डील मामले में नई याचिकाओं पर सुनवाई से इंकार उल्लेखनीय है कि इस मामले में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कल सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि अगर केंद्र सरकार इन विमानों की कीमतों को कोर्ट से भी साझा नहीं करना चाहती तो वो अगले दस दिनों के अंदर-अंदर कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर के अपने इस फैसले की कोई उचित वजह बताये. ख़बरें और भी राफेल डील मामला: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सीलबंद लिफाफे में मांगी विमान की कीमत समेत अन्य जानकारियाँ राफेल मुद्दे पर सवाल उठाने की वजह से हटाए गए है सीबीआई डायरेक्टर : राहुल गाँधी राफेल डील विवाद: राहुल ने फिर साधा पीएम मोदी और अनिल अम्बानी पर निशाना