राहत इंदोरी शायरी

1- मेरे हुजरे में नहीं, और कंही पर रख दो,

आसमां लाए हो, ले आओ, ज़मीन पर रख दो

अरे यार कहां ढूंढने जाओगे हमारे कातिल

आप तो कत्ल का इल्ज़ाम हमी पर रख दो

 

2- तूफ़ानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो

मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो

 

3- उस आदमी को बस इक धुन सवार रहती है

बहुत हसीन है दुनिया इसे ख़राब करूं

 

4- हम अपनी जान के दुश्मन को अपनी जान कहते है

मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिन्दुस्तान कहते हैं

जो ये दीवार का सुराख है साज़िश है लोगों की,

मगर हम इसको अपने घर का रोशनदान कहते हैं

 

5- कल तक दर दर फिरने वाले,

घर के अंदर बैठे हैं और

बेचारे घर के मालिक, दरवाजे पर बैठे हैं,

खुल जा सिम सिम, याद है किसको,

कौन कहे और कौन सुने?

गूंगे बाहर सीख रहे हैं, बहरे अंदर बैठे हैं  

 

6- सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें,

जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें।

 

7- आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो 

ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो 

 

8- राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें 

रास्ते आवाज़ देते हैं सफ़र जारी रखो 

 

9- एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तो 

दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो 

 

10- आते जाते पल ये कहते हैं हमारे कान में 

कूच का ऐलान होने को है तय्यारी रखो

 

हैप्पी वैलेंटाइन डे

हैप्पी किस डे

हैप्पी हग डे

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