इंदौर: जाने माने लोकप्रिय शायर डॉ. राहत इंदौरी का आज जन्मदिन है। राहत साहब के अपने कड़े शब्दों के लिए जान जाते थे। उनकी भाषा उतनी ही सरल रहती थी जितनी उनकी बातें गंभीर रहती थी। ऐसी ही बातों के लिए राहत इंदौरी जाने जाते थे। राहत की प्रारंभिक शिक्षा नूतन स्कूल इंदौर में हुई। उन्होंने इस्लामिया करीमिया कॉलेज इंदौर से 1973 में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की तथा 1975 में बरकत उल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल से उर्दू साहित्य में एमए किया। तत्पश्चात, 1985 में मध्य प्रदेश के मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में PHD की उपाधि हासिल की। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में उर्दू साहित्य के प्राध्यापक भी रह चुके हैं। जैसा कि हर कोई ये जानता है कि डॉक्टर राहत इंदौरी अपने देश और शहर से भी मोहब्बत रखने वाली शख्सियत थे। इसका सबसे बड़ा उदाहरण उनके नाम में झलकता है। वो अपने शहर से इस तरह प्यार करते थे कि, उन्होंने अपने नाम में ही अपने शहर का नाम जोड़ दिया था। उनका यह कहना था कि, दुनिया में जहां भी मेरा नाम पहुंचेगा वहां मेरे शहर का नाम भी पहुंचेगा। लेकिन एक समय ऐसा आया था जब उन्हें इंदौरी होने पर शर्म आई थी। दरअसल, कोरोना महामारी के समय इंदौर के टाट पट्टी क्षेत्र में जब स्वास्थ्यकर्मियों की एक टीम कुछ कोरोना वायरस रोगियों की जांच के लिए वहां पहुंची तो वहां के लोगों ने स्वास्थ्यकर्मियों पर पथराव करना आरम्भ कर दिया था। जिसपर इंदौरी साहब ने ट्वीट कर बोला था कि इस हमले को देख मेरा सर शर्म से झूक गया। इसके साथ ही इंदौरी साहब ने बोला कि इंदौर तो पढ़ा-लिखा इतना तमीज वाला शहर है वहां के लोगों को क्या हुआ है। जो लोग आपके लिए आ रहे हैं, आपके हालात एवं मदद के लिए आ रहे हैं। उनके साथ जैसा बर्ताव किया गया है वह देख पूरा हिंदूस्तान हैरत में है। डॉक्टर व पुलिस ये सब हमारे मददगार है और यदि आप इनकी सहायता करेंगे तो समय कल हमारी सहायता करेगा। नव वर्ष का स्वागत कर रहा देश, पीएम मोदी-राष्ट्रपति मुर्मू ने दी शुभकामनाएं CM योगी के नाम हुआ वर्ष का अंतिम दिन, Twitter पर टॉप ट्रेंड रहा #UPYogi2022 नए साल में TCS ने अपने वर्कर्स के लिए किया बड़ा ऐलान