राहुल ने लगाया 'भाजपा से मिलीभगत' का आरोप, इस्तीफा देने को तैयार हुए गुलाम नबी आज़ाद

नई दिल्ली: नेतृत्व परिवर्तन और संगठन चुनाव की मांग को लेकर कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लेटर लिखने वाले नेताओं में शामिल गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस वर्किंग कमिटी बैठक में अपनी सफाई पेश की है। इसके साथ ही उन्होंने त्यागपत्र देने की भी पेशकश की। राहुल गांधी द्वारा भाजपा की सहायता करने का आरोप लगाए जाने से आहत आजाद ने कहा कि अगर वह किसा रूप में भाजपा की मदद कर रहे थे तो त्यागपत्र दे देंगे।

सूत्रों के अनुसार, गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर राहुल गांधी के आरोप साबित होते हैं तो वह इस्तीफा दे देंगे। वायनाड से लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि पार्टी में सुधार को लिखा गया लेटर भाजपा से मिलीभगत का परिणाम है। राहुल ने लेटर की टाइमिंग को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। गुलाम नबी आजाद की सफाई से असंतुष्ट प्रियंका वाड्रा ने कहा कि जो आप कह रहे हैं वह उससे ठीक अलग है, जो आपने पत्र में लिखा है।

गुलाम नबी आजाद समेत दो दर्जन कांग्रेस नेताओं ने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से संगठन में बड़े परिवर्तन की मांग करते हुए उन्हें पत्र लिखा है। इन नेताओं ने शक्ति के विकेंद्रीकरण, प्रदेश इकाइयों के सशक्तिकरण और केंद्रीय संसदीय बोर्ड के गठन जैसे सुधार लाकर संगठन में बड़ा परिवर्तन करने की अपील की है । वैसे, केंद्रीय संसदीय बोर्ड 1970 के दशक तक कांग्रेस में था, किन्तु उसे बाद में समाप्त कर दिया गया। इस पत्र में सामूहिक रूप से फैसला लेने पर जोर दिया गया है और उस प्रक्रिया में गांधी परिवार को 'अभिन्न हिस्सा' बनाने की गुजारिश की गई है।

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