नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीते मंगलवार को केंद्र सरकार की आलोचना की है। आलोचना करते हुए राहुल गाँधी ने कहा कि, 'केंद्र सरकार गैरजरूरी बातचीत में उलझाकर किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।' आप देख सकते हैं इसे लेकर राहुल गाँधी ने एक ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है, 'सत्याग्रही किसानों को गैरजरूरी बातचीत में उलझाकर गुमराह करने का सरकार का हर प्रयास नाकाम साबित होगा। सरकार के इस इरादे को अन्नदाता समझते हैं। उनकी मांग साफ है-कृषि विरोधी कानूनों की वापसी। इसके अलावा कुछ नहीं।' क्या कृषि-विरोधी क़ानूनों का लिखित समर्थन करने वाले व्यक्तियों से न्याय की उम्मीद की जा सकती है? ये संघर्ष किसान-मज़दूर विरोधी क़ानूनों के ख़त्म होने तक जारी रहेगा। जय जवान, जय किसान! — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 12, 2021 वैसे बीते दिनों ही कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति के चारों सदस्यों को कृषि कानूनों का पक्षधर करार दिया था। इसके अलावा यह भी दावा किया था कि इन लोगों की मौजूदगी वाली समिति से किसानों को न्याय नहीं मिल सकता। वहीं पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पूछा कि 'क्या किसी सरकारी वकील ने समिति के सदस्यों की विश्वसनीयता के बारे में कोर्ट को बताया है?' सरकार की सत्याग्रही किसानों को इधर-उधर की बातों में उलझाने की हर कोशिश बेकार है। अन्नदाता सरकार के इरादों को समझता है; उनकी माँग साफ़ है- कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो, बस! — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 12, 2021 इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि '15 जनवरी को किसानों के साथ अगले दौर की बातचीत के दौरान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वार्ता करनी चाहिए।' जी दरअसल पत्रकारों से बात करते हुए सुरजेवाला ने बीते दिनों ही यह कहा कि, 'हमें नहीं मालूम कि प्रधान न्यायाधीश को इन लोगों का नाम किसने दिया है? उनकी पृष्ठभूमि और रुख के बारे में जांच-पड़ताल क्यों नहीं की गई? समिति के चारों सदस्य कृषि कानूनों के समर्थन में हैं और प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़े हैं। ऐसी समिति से हम न्याय की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?' सत्य साईं बाबा की बायोपिक में नजर आएँगे अनूप जलोटा, 22 जनवरी को होगी रिलीज बड़ी खबर: 18 जनवरी से इस शहर में शुरू होंगे सभी स्कूल सहारनपुर: कबूतरों और कोयल की मौत के बाद मृत मिला मोर