हरियाणा में मिली शिकस्त पर राहुल गांधी ने तोड़ी चुप्पी, मीटिंग में कही बड़ी बात

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी नेतृत्व ने इसकी समीक्षा के लिए अहम बैठक की। यह बैठक पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर आयोजित हुई, जिसमें राहुल गांधी भी शामिल हुए। इसमें अन्य प्रमुख नेता जैसे केसी वेणुगोपाल, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया, और अशोक गहलोत, अजय माकन, प्रताप सिंह बाजवा मौजूद थे। बैठक के दौरान, राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव के दौरान नेताओं ने निजी स्वार्थ को प्राथमिकता दी और पार्टी के हित को दरकिनार कर दिया। उन्होंने कहा कि नेताओं का खुद का एजेंडा पार्टी के एजेंडे से आगे रहा।

बैठक के बाद अजय माकन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चुनाव परिणाम चौंकाने वाले और अप्रत्याशित हैं। उन्होंने बताया कि हार के कारणों पर चर्चा की गई है और विश्लेषण जारी रहेगा। आगे की कार्रवाई की जानकारी केसी वेणुगोपाल बाद में देंगे। इस हार के विश्लेषण के लिए कांग्रेस जल्द ही एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन करेगी। सूत्रों के अनुसार, कुमारी शैलजा, रणदीप सुरजेवाला, और कैप्टन अजय यादव को इस महत्वपूर्ण बैठक में नहीं बुलाया गया था। हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 90 में से 48 सीटों पर बड़ी जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस 37 सीटों पर सीमित रह गई। इनेलो को 2 सीटें मिलीं, और निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी कुछ सीटें जीतीं, जिन्होंने बाद में बीजेपी को समर्थन देने का फैसला किया।

राहुल गांधी की आलोचना इस बात को लेकर भी हो रही है कि जब चुनाव के नतीजे आ रहे थे, तब वे अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ विदेश दौरे पर थे। वे हाल ही में वापस लौटे हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वे किस देश में गए थे और इस यात्रा का उद्देश्य क्या था, खासकर ऐसे समय में जब देश के दो राज्यों में चुनावी नतीजे घोषित हो रहे थे। कांग्रेस के नेताओं के इन गुप्त विदेश दौरों से पार्टी पर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं। गुलाम नबी आजाद, जिन्होंने कांग्रेस में 50 साल से सेवाएं दी, उन्होंने भी एक बार दावा किया था कि गांधी परिवार के विदेशी कारोबारियों से रिश्ते हैं, जिनसे मिलने वे अक्सर विदेश जाते रहते हैं। उन्होंने कहा था कि इनमें कुछ ऐसे लोग भी शामिल हैं जिनसे नहीं मिलना चाहिए। हालाँकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया और यह भी कहा कि वे गांधी परिवार की बहुत इज्जत करते हैं, इसलिए इससे ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे।

इससे राजनीतिक हलकों में सवाल उठने लगे कि क्या राहुल गांधी विदेशों में जॉर्ज सोरोस से मिलने जाते हैं, जो राष्ट्रवाद के खिलाफ लड़ाई में अरबों डॉलर देने का ऐलान कर चुके हैं। पिछले कुछ विदेशी दौरों में राहुल गांधी को विवादास्पद लोगों से मिलते हुए देखा गया है, जिनमें भारत विरोधी अमेरिकी सांसद इल्हान उमर और पाकिस्तान और बांग्लादेश में तख्तापलट के लिए चर्चित अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू शामिल हैं। इन मामलों ने कांग्रेस के भीतर और बाहर राहुल गांधी की विदेश यात्राओं पर सवाल उठाए हैं, जिससे पार्टी की छवि प्रभावित हो रही है। पार्टी की हार और नेतृत्व की इस तरह की गतिविधियों को लेकर कांग्रेस के भीतर गहन मंथन और सुधार की जरूरत महसूस की जा रही है।

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