राहुल ने की दमदार वापसी, साधा मोदी सरकार पर निशाना

नई दिल्ली : जिस किसान ने विकास की नींव रखी उसे ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार उपेक्षित कर रही है। उसकी सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। देश की जीडीपी में भी खेती ने अच्छी भागीदारी निभाई लेकिन इसके बाद भी किसान को उपेक्षित रखा जा रहा है। यह बात कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज संसद में कही। कांग्रेस सांसद राहुल आज सदन में भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर अपना विरोध जता रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के सारे मंत्रियों में से एक मंत्री की सराहना करना होगी जिसने किसान से वास्तविकता बयान कर दी। 
उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का उल्लेख करते हुए कहा कि श्री गडकरी ने किसान को कहा कि किसान को न तो भगवान पर विश्वास करना चाहिए न ही सरकार पर। अर्थात् सरकार क्या करने जा रही है यह किसानों को अप्रत्यक्षतौर पर बता दिया गया है। कांग्रेस सांसद ने अपना विरोध जताते हुए कहा कि जिस किसान ने देश के विकास में योगदान दिया उसे असमय बारिश, ओला वृष्टि से नुकसान उठाना पड़ा। यही नहीं उन्होंने कहा कि किसान की फसल पकने के बाद भी उस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। गेहूं मंडियों में पड़ा हुआ है लेकिन उसकी खरीदी करने वाला कोई नहीं है। 
किसानों की उपेक्षा की जा रही है। तो दूसरी ओर मजदूरों की सुनी ही नहीं जा रही है। सरकार केवल उद्योगपतियों की सुन रही है। यह बड़े लोगों की सरकार है। सांसद राहुल गांधी ने कहा कि बड़े पैमाने पर किसानों को फसल नुकसानी का सामना करना पड़ा मगर इस ओर केंद्र सरकार ने ध्यान नही नहीं दिया। उन्होंने कहा कि सरकार मजदूर और किसान की उपेक्षा कर रही है। इसके बावजूद प्रधानमंत्री महज राजनीतिक भागीदारी को समझकर चुप बैठे हैं। एक बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है मगर इसके बाद भी इस वर्ग की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इतने बड़े वर्ग को नज़र अंदाज़ किया जा रहा है। 
इसका कारण यही समझ में आता है कि ज़मीन की कीमत तेजी से बढ़ रही है। दूसरी ओर सरकार के काॅर्पोरेट दोस्त ज़मीन की मांग कर रहे हैं। जिस वजह से किसानों से यह जमीन छीनी जा रही है। यह सूट - बूट की सरकार है। काॅर्पोरेट सरकार है। यह विपक्ष को समझ में आता है। अपने उद्बोधन के दौरान सांसद राहुल गांधी को जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। कई बार सांसदों ने विरोधियों से शांत होने की अपील की। केंद्रीय मंत्री एम. वैंकेया नायडू ने भी हस्तक्षेप कर सांसद राहुल को बोलने दिए जाने की अपील की। 
आपके प्रधानमंत्री पर हंगामा 
सांसद राहुल ने जब अपने उद्बोधन में कहा कि आपके प्रधानमंत्री सब समझते हुए भी चुप हैं तो इस पर सदन में आपत्ति ली गई। जब राहुल ने अपने चुटिले अंदाज़ में अपनी बात को ठीक किया तो सदन में हंसी गूंज पड़ी। इस दौरान उन्होंने कहा कि यदि आप विरोध कर रहे हैं तो फिर प्रधानमंत्री देश के हैं लेकिन वे आपके नहीं हैं।

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