नई दिल्ली: ओवरसीज कांग्रेस अध्यक्ष सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा उर्फ़ सैम पित्रोदा ने टेक्सास में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी के नेता राहुल गांधी का दृष्टिकोण भाजपा के विचारों के विपरीत है और राहुल कोई “पप्पू” नहीं हैं। पित्रोदा ने कहा कि, "राहुल गांधी के पास एक ऐसा दृष्टिकोण है, जो भाजपा द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करके प्रचारित किए जाने वाले दृष्टिकोण से एकदम अलग है। मैं आपको बता दूं कि वह कोई पप्पू नहीं हैं। वह उच्च शिक्षित, पढ़े-लिखे, किसी भी विषय पर गहरी सोच रखने वाले रणनीतिकार हैं और कभी-कभी उन्हें समझना बहुत आसान नहीं होता।" 1984 के सिख नरसंहार को हुआ तो हुआ, उसके बारे में क्या बात करना, कहकर विवादों में घिर चुके पित्रोदा ने आगे कहा कि गांधीवादी विचार, समावेशिता और विविधता उनकी (पित्रोदा की) शिक्षा के मूल में हैं। पित्रोदा ने कहा कि, "पचास के दशक की शुरुआत में स्कूल जाते समय, गांधीवादी विचार हमारी शिक्षा का मूल थे। समावेश, विविधता, ये सिर्फ़ शब्द नहीं थे, ये वो थे जिनके अनुसार हम जीते थे और जब मैं अपने समाज में ऐसे बदलाव देखता हूँ, जो बुनियादी ढांचे पर हमला करते हैं, तो मुझे इसकी चिंता होती है। इसलिए विचार यह है कि हम यह सुनिश्चित करें कि हम अपने लोगों का सम्मान करें, चाहे उनकी जाति, धर्म, भाषा, राज्य कुछ भी हो। हम सभी के लिए समान अवसर पैदा करते हैं, हम श्रमिकों को सम्मान प्रदान करते हैं और ये वो मुद्दे हैं जिनकी राहुल गांधी वकालत कर रहे हैं और इससे मुझे बहुत खुशी होती है।" ओवरसीज कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राहुल गांधी का एजेंडा विविधता का जश्न मनाना है। उन्होंने कहा कि, ‘‘राहुल गांधी का एजेंडा अलग है जो उस चीज पर अधिक केंद्रित है, जिसे हम लंबे समय से संबोधित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ठीक से संबोधित नहीं कर पाए हैं और वह है समावेशिता, विविधता का उत्सव।’’ पित्रोदा ने आगे कहा कि, "लोकतंत्र इतना सरल नहीं है। लोकतंत्र के लिए हमारे जैसे बड़ी संख्या में लोगों के काम की जरूरत होती है। हम इसे हल्के में नहीं ले सकते क्योंकि ऐसे लोग हैं जो लोकतंत्र को हाईजैक करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमने इसे कई देशों में देखा है...आजादी के समय, स्वतंत्रता आंदोलन को लेकर बहुत जोश था और गांधी, नेहरू, मौलाना आज़ाद, सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस जैसे नेता इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट थे कि वे किस तरह का राष्ट्र बनाना चाहते हैं। हर कोई समझता था कि स्वतंत्रता का क्या मतलब है और स्वतंत्र भारत क्या अवसर पैदा करेगा...मैं चाहता हूं कि आप इंडियन ओवरसीज कांग्रेस में शामिल हों, हमारी गतिविधियों की गुणवत्ता, हमारे सदस्यों की संख्या में सुधार करें और अधिक विविध लोगों को शामिल करें।" पित्रोदा ने कहा, "जब राहुल गांधी पिछली बार न्यूयॉर्क में एक बड़ी बैठक में हमसे मिलने आए थे, तो उनसे डलास आने की मांग की गई थी और उन्होंने उनसे वादा किया था कि अपनी अगली यात्रा के दौरान मैं डलास आऊंगा और वह अपना वादा निभा रहे हैं। वह अपनी बात पर खरे उतरते हैं और मुझे खुशी है कि अपने व्यस्त कार्यक्रम से वह तीन दिन की छुट्टी लेकर हमसे मिलने आए हैं, जहां वह एक दिन यहां और दो दिन वाशिंगटन डीसी में बिता रहे हैं।" आईओसी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि, "इंडियन ओवरसीज कांग्रेस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का हिस्सा है जो वैश्विक पार्टी की सभी पहलों की देखभाल करती है। हम 32 देशों में हैं और हमारा काम लोगों को यह समझाना है कि हमारी पार्टी किस लिए खड़ी है, हम किसमें विश्वास करते हैं और सभी तरह की लोकतांत्रिक पहलों की ताकतों को एकजुट करना है। हम कुछ समय से इस पर काम कर रहे हैं, हम 32 देशों में हैं और हमारा काम अपनी सदस्यता बढ़ाना, अपने कार्यक्रमों और गतिविधियों में सुधार करना और अपने लोकतंत्र की रक्षा के लिए अधिक लोगों को काम पर लगाना है।" मिडिल क्लास पर टैक्स बढ़ाएंगे :- पित्रोदा बता दें कि, हाल ही में लोकसभा चुनावों के दौरान सैम पित्रोदा के एक और बयान पर बवाल मचा था। जब इंटरव्यू में उनसे पुछा गया था कि, कांग्रेस महिलाओं को खटाखट 1 लाख, बेरोज़गारों को 1 लाख, सभी फसलों पर MSP, हर बार किसानों का कर्जा माफ़, के जो चुनावी वादे कर रही है, उसके लिए पैसा कहाँ से आएगा ? क्योंकि, यदि 150 करोड़ की आबादी में 25 करोड़ गरीब महिलाएं भी मानें, तो साल के 25 लाख करोड़ उन्ही को चले जाएंगे, जो देश के कुल बजट का आधा हिस्सा है। इस सवाल के जवाब में पित्रोदा ने कहा था कि, भारत का मध्यम वर्ग स्वार्थी है, उन्होंने पैसे जुटाने के लिए मध्यम वर्ग पर टैक्स बढ़ाने की हिमायत की थी। यानि वे कांग्रेस को चुनावी गारंटियां पूरी करने के लिए मध्यम वर्ग पर टैक्स बढ़ाने की सलाह दे रहे थे। दक्षिण भारतीय लोग अफ्रीकी जैसे :- एक अन्य बयान में राहुल गांधी के राजनितिक गुरु माने जाने वाले सैम पित्रोदा ने कहा था कि, ''भारत में पूर्व के लोग चीनियों की तरह दिखते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग अंग्रेज़ों जैसे दिखते हैं और शायद दक्षिण के लोग अफ़्रीकी जैसे दिखते हैं।" पित्रोदा की इस नस्लीय टिप्पणी पर भी काफी बवाल मचा था और किरकिरी से बचने के लिए उन्हें ओवरसीज कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था, ताकि पित्रोदा के बयान चुनाव में कांग्रेस का नुकसान ना कर दे। उसी वक़्त पीएम मोदी ने इससे जुड़े सवाल पर कहा था कि, ये कांग्रेस की सोची समझी रणनीति है, कुछ समय बाद वो पित्रोदा को वापस से वही पद देगी, जो आज सच हो गया। इससे पहले भी पित्रोदा ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर बेहद आपत्तिजनक बयान दिया था। जब कांग्रेस समर्थकों ने सिखों के गले में टायर डालकर उन्हें जिन्दा जला दिया था। इसको लेकर पित्रोदा ने कहा था कि, ''1984 पर क्या बात करना, 84 में जो हुआ तो हुआ।'' उनके इस बयान पर भी कांग्रेस की आलोचना हुई थी, इसके बाद कुछ दिनों के लिए पित्रोदा सुर्ख़ियों से बाहर हो गए थे, किन्तु अब वापस उन्हें ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया है। घोटालों में घिरे सिद्धारमैया, कौन होगा अगला CM ? कांग्रेस नेताओं में मची होड़ जम्मू-कश्मीर में कार-बाइक की भिड़ंत में दो किशोरों की मौत, चार घायल अमेरिका पहुंचे राहुल गांधी, पित्रोदा बोले- इंटरनेशनल मीडिया को उनमे काफी दिलचस्पी