जयपुर: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी आज जयपुर दौरे पर हैं। यह दौरा खासतौर पर कांग्रेस के 'नेतृत्व संगम' कार्यक्रम के लिए है। दिलचस्प बात यह है कि 17 दिनों के भीतर यह उनका दूसरा राजस्थान दौरा है। राहुल गांधी यहां करीब छह घंटे रुकेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे। जयपुर पहुंचने के बाद उन्होंने चौमू के सामोद क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध खेड़ापति बालाजी मंदिर के दर्शन किए। धार्मिक स्थल पर मत्था टेकने के बाद वे कांग्रेस के ‘नेतृत्व संगम’ सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे। यह कार्यक्रम कांग्रेस के लिए एक विशेष प्रशिक्षण शिविर है, जिसमें देशभर से चुनिंदा नेताओं और कार्यकर्ताओं को बुलाया गया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को बेहतर नेतृत्व कौशल और पार्टी की विचारधारा को समझाने के साथ उन्हें नए तरीकों से प्रशिक्षित करना है। राहुल गांधी इस ट्रेनिंग कैंप में शामिल कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ संवाद करेंगे और उनकी चुनौतियों, अनुभवों और विचारों पर चर्चा करेंगे। कार्यक्रम के बाद, वे दोपहर 3 बजे जयपुर एयरपोर्ट के लिए रवाना हो जाएंगे। इससे पहले, 17 दिन पहले भी राहुल गांधी जयपुर आए थे। हालांकि उस दौरे का उद्देश्य अलग था। वे अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ हरियाणा के एक प्रमुख चाय व्यापारी अमित गोयल के बेटे की शादी में शामिल होने आए थे। शादी के कार्यक्रम में भाग लेने के बाद वे तुरंत वापस लौट गए थे। ‘नेतृत्व संगम’ कैंप कांग्रेस का एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसमें देशभर से चुनिंदा डेलिगेट्स को शामिल किया जाता है। यह कार्यक्रम पार्टी की रणनीति को मजबूत करने और कार्यकर्ताओं के बीच विचारों का आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए आयोजित किया जाता है। खास बात यह है कि इस शिविर में स्थानीय नेताओं को भाग लेने की अनुमति नहीं होती। शिविर में केवल वही नेता शामिल होते हैं, जिन्होंने कांग्रेस के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में हिस्सा लिया हो। पिछले ऐसे प्रशिक्षण शिविर का आयोजन दो साल पहले किया गया था, और इस बार भी कांग्रेस ने इसे पार्टी के लिए एक अहम मंच के रूप में तैयार किया है। इस तरह के कार्यक्रम पार्टी के लिए न केवल संगठनात्मक मजबूती का जरिया बनते हैं, बल्कि शीर्ष नेतृत्व और कार्यकर्ताओं के बीच सीधा संवाद भी सुनिश्चित करते हैं। राहुल गांधी के इस दौरे को राजस्थान में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा के रूप में देखा जा रहा है, खासतौर पर तब जब राज्य विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। यह दौरा न केवल कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाएगा बल्कि चुनावी तैयारियों के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा। स्कूलों के पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव करने जा रही हिमाचल सरकार, जानिए क्या है प्लान? 'आपके पास बेहतर डील हो तो दिलवाएं..', रूस से तेल खरीदने पर बोले जयशंकर MP में आया हज़ारों करोड़ का निवेश, सीएम मोहन ने बताया- कहाँ लगेगा पैसा?