नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की पूछताछ अभी खत्म नहीं हुई है। एक दिन के ब्रेक के बाद शुक्रवार को फिर उनके सामने सवालों की लंबी फेहरिस्त होगी। राहुल ने जांच एजेंसी को बताया है कि कांग्रेस से सैकड़ों करोड़ की एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्ति के यंग इंडियन के अधिग्रहण से संबंधित तमाम लेनदेन के लिए कांग्रेस के पूर्व कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा जिम्मेदार थे। दरअसल, राहुल से गांधी परिवार द्वारा AJL की संपत्ति को संभालने वाली कंपनी यंग इंडियन (यंग इंडिया) के संबंध में भी पूछताछ की गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ED के सूत्रों ने कहा है कि, 'उन्होंने यंग इंडियन द्वारा लिए गए ऋण या आवास प्रविष्टि के संबंध में कोई जानकारी होने से इनकार किया है, जो कि मोतीलाल वोरा के नाम पर है और वह अब इस दुनिया में नहीं हैं।' कांग्रेस के सचिव प्रणव झा ने मीडिया को बताया कि, 'ED की कार्यवाही को लीक करना एक अपराध है। इसलिए हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।' इसी बीच ED के सूत्रों ने इस आरोप को ख़ारिज किया है कि जांच एजेंसी, राहुल गांधी को रात 11 बजे तक किसी भी तरह से बाहर नहीं जाने दे रही है। सूत्र ने बताया है कि, 'राहुल देर से जाते हैं, क्योंकि हर तीन घंटे की पूछताछ के बाद कांग्रेस नेता अपनी प्रतिक्रियाओं की 'समीक्षा' करने के लिए 3-4 घंटे का ब्रेक ले लेते हैं। हमें उनसे पूछताछ करने के लिए सिर्फ छह घंटे ही मिल रहे हैं।' बता दें कि राहुल से पूछताछ शुक्रवार को भी जारी रहेगी, क्योंकि उन्होंने गुरुवार को रियायत मांगी थी। बता दें कि राहुल और उनकी मां सोनिया गांधी के पास यंग इंडियन की 76 फीसदी हिस्सेदारी है। बाकी 24 फीसदी शेयर वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस (प्रत्येक 12 फीसदी) के पास है। वोरा और फर्नांडीस का क्रमशः दिसंबर 2020 और सितंबर 2021 में देहांत हो गया था। राहुल की मां और कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को 23 जून को मामले में पूछताछ के लिए तलब किया गया है, क्योंकि उन्होंने कोरोना के कारण तारीख टालने की मांग की थी। ED ने अप्रैल में कांग्रेस पदाधिकारी मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के मौजूदा कोषाध्यक्ष पवन बंसल के बयान रिकॉर्ड करने के बाद उन्हें समन भेजा था। खड़गे और बंसल यंग इंडिया और AJL में भी पदाधिकारी हैं। सूत्रों ने कहा कि जांच से पता चलता है कि यंग इंडिया के AJL के अधिग्रहण के बाद यंग इंडिया के दो संस्थापक सुमन दुबे और सैम पित्रोदा, एक शेयरधारक के तौर पर सोनिया और फर्नांडीस को अपने शेयर ट्रांसफर कर गए हैं। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि, 'इसके परिणामस्वरूप यंग इंडिया का हस्तांतरण और नियंत्रण सोनिया और राहुल के हाथों में आ गया है। दोनों बहुसंख्यक शेयरधारक भी हैं। प्रत्येक में 38 फीसद की हिस्सेदारी थी। उनके करीबी सहयोगी मोतीलाल वोरा और फर्नांडीस में से हर एक के पास 12 फीसद शेयर थे।' बता दें कि AJL और यंग इंडिया दोनों के निदेशकों का समूह समान था, जो कांग्रेस के पदाधिकारी भी थे। यंग इंडिया की स्थापना 5 लाख रुपये से हुई थी और उसके पास AJL को संभालने के लिए आर्थिक संसाधन नहीं थे, जिस पर कांग्रेस का 90 करोड़ रुपये का कर्ज था। ED डोजियर के मुताबिक, 'चूंकि, 90.21 करोड़ रुपये के ऋण की कथित खरीद के वक़्त यंग इंडिया के पास कोई पैसा नहीं था, इसलिए उसने कोलकाता स्थित एक मुखौटा कंपनी डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड से 1 करोड़ रुपये का लोन लेने का दावा किया था।' राहुल गांधी से पूछताछ की जानकारी बाहर कैसे आ रही ? कांग्रेस ने 3 मंत्रियों को भेजा लीगल नोटिस CM खट्टर का बड़ा ऐलान- 75% अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देगी हरियाणा सरकार महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण को राष्ट्रपति उम्मीदवार बना सकता है विपक्ष