नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया है कि मोदी सरकार कोरोना महामारी के समय में लोगों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSME) क्षेत्र की इकाइयों को नकद सहयोग नहीं देकर इकॉनमी को सक्रिय नष्ट कर रही है। राहुल गाँधी ने इसे 'नोटबंदी 2.0' नाम दिया है। उन्होंने ट्विटर पर एक खबर शेयर की है, जिसमे बताया गया है कि देश में एमएसएमई क्षेत्र की इकॉनमी और स्थिति पर कोरोनावायरस महामारी का क्या प्रभाव पड़ेगा। राहुल गांधी ने सरकार से यह मांग की हैं कि गरीबों, मजदूरों और एमएसएमई की वित्तीय सहायता की जाए। उनका कहना है कि लोगों को एकाउंट्स में अगले छह महीनों के लिए 7500 रुपये प्रति माह भेजे जाएं और फ़ौरन 10 हजार रुपये दिए जाएं। इससे पहले राहुल गांधी ने कहा था कि इस संकट से उभरने के लिए सरकार द्वारा लोगों को नकदी उपलब्ध नहीं कराना अपराधिक गतिविधि है। राहुल गांधी ने कोरोना वायरस मामलों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने देश में मोदी सरकार द्वारा लगाए लॉकडाउन को पूरी तरह नाकाम बताया है। राहुल गांधी ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए कोरोना वायरस मामलों को लेकर कुछ देशों का उदाहरण ग्राफ के जरिए देकर लिखा है कि ये ऐसा है जो कि एक नाकाम लॉकडाउन जैसा दिखता है। राहुल गांधी का मानना है कि देश में अनलॉक का फैसला ऐसे वक़्त में लिया गया है जब यहां कोरोना के मामले काफी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। पाकिस्तान में कोरोना का कहर जारी, अब तक 1935 लोगों की मौत चीन की भारत को खुली धमकी, कहा- एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ेंगे डोनाल्ड ट्रम्प का दावा- भारत में अमेरिका से भी अधिक होंगे कोरोना केस