3 दिन से NEET पर चर्चा की मांग कर रहे थे राहुल गांधी, जब मौका मिला तो 'हिन्दू हिंसक, कुरान निर्भीक' बोले, लोकसभा से हटाया गया हिस्सा

नई दिल्ली: 24 जून से शुरू हुए संसद सत्र में विपक्षी सांसद शुरू से ही NEET मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे थे। लेकिन परंपरा के अनुसार, संसद सत्र राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू होता है, फिर उस पर धन्यवाद प्रस्ताव होता है और इसके बाद तमाम कार्यवाही शुरू होती है। राष्ट्रपति का अभिभाषण तो हुआ, लेकिन धन्यवाद प्रस्ताव नहीं हो सका और संसद के 3 दिन बर्बाद हो गए। दरअसल, विपक्ष धन्यवाद प्रस्ताव से पहले NEET मुद्दे पर हंगामा कर रहा था, जिसके कारण कार्यवाही बार-बार स्थगित हो रही थी। हालाँकि, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला लगातार कह रहे थे कि, सदस्यगण धन्यवाद प्रस्ताव पर अपनी बयानों में किसी भी विषय पर बोल सकते हैं, लेकिन हंगामा जारी रहा और डेढ़ करोड़ रूपए प्रति घंटे से चलने वाली संसद के 3 दिन बर्बाद हुए।  

आख़िरकार, सोमवार (2 जुलाई) को धन्यवाद प्रस्ताव पर बात शुरू हुई और विपक्ष को भी मौका मिला। लेकिन, विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने यहाँ NEET की बात ना कर, हिन्दू हिंसक, कुरान निडर, अग्निवीर मजदूर जैसे कई मुद्दों पर बोलना शुरू कर दिया, नतीजतन लोकसभा से उनके भाषण के कुछ अंश हटा दिए गए। दरअसल, काफी दिनों से NEET पर चर्चा की मांग कर रहे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बोलने का मौका मिलने पर सबसे पहले सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं पर लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने का आरोप लगाया, जिसका सत्ता पक्ष ने भारी विरोध किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहने के लिए उनकी आलोचना की। राहुल के हिन्दू हिंसक वाले बयान पर दिल्ली भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने एक कविता लिखते हुए वीडियो भी डाला है, जिसमे उन्होंने पुछा है कि हिन्दू कहाँ हिंसक है ?

 

हिन्दुओं को हिंसक कहने के बाद राहुल गांधी कुरान पर बोलने लगे, उन्होंने इस्लाम के नबी पैगम्बर मुहम्मद को उद्धृत करते हुए कहा कि कुरान निर्भयता की बात करता है। राहुल गांधी एक घंटा चालीस मिनट तक लोकसभा में बोले, जिसमे उन्होंने NEET पर कहा कि ये परीक्षा लोगों के लिए है और इसमें मेधावी छात्रों के लिए कोई जगह नहीं है। फिर वे अग्निवीर पर आ गए, उन्होंने कहा कि  अग्निवीर योजना भारतीय सेना की नहीं , बल्कि पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) की है। अग्निवीरों को इस्तेमाल करो और फेंको की तरह मजदूर जैसे इस्तेमाल किया जा रहा है, उनके शहीद होने पर कुछ भी नहीं दिया जाता। इसके बाद देश के रक्षा मंत्री खड़े हो गए, राजनाथ सिंह ने कहा कि आपकी ये बात असत्य है, अग्निवीरों को शहीद होने पर 1 करोड़ दिया जाता है। 

 

वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा कि, ये सदन कुछ भी बोलने के लिए नहीं है, जो भी बोलिए तथ्यों के साथ बोलिए, वरना अपने तथ्यों को साबित कीजिए। इसके जवाब में राहुल इतना ही बोले कि जनता को मालूम है। अग्निवीर वाली बात पर उन्होंने जवाब नहीं दिया।  इस दौरान राहुल गांधी ने अपने चिर परिचित अंदाज़ में अडानी-अंबानी पर भी निशाना साधा। हालाँकि, राहुल गांधी के भाषण में से हिन्दू हिंसक, अग्निवीर मजदूर जैसी टिप्पणियां लोकसभा के रिकॉर्ड से हटा दी गई हैं। 

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